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चित्रा को वीआईपी ट्रीटमेंट देने से कोर्ट का इनकार, प्रार्थना-ग्रंथ रखने की इजाजत

नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)। सीबीआई की एक अदालत ने सोमवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को वीआईपी ट्रीटमेंट देने से इनकार कर दिया। चित्रा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनएसई को-लोकेशन मामले में गिरफ्तार किया था। न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा, हर व्यक्ति एक जैसा होता है। वह जो करती रही थी, उसकी वजह से वह वीआईपी कैदी नहीं हो सकती। नियमों को बदला नहीं जा सकता। हालांकि, अदालत ने उन्हें प्रार्थना के लिए हनुमान चालीसा और भगवद गीता की एक प्रति सहित चार किताबें ले जाने की अनुमति दी। हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद रामकृष्ण को विशेष अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। सीबीआई ने 6 मार्च को भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार में एक व्यक्ति के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने सहित गंभीर चूक करने की आरोपी चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। एक दिन पहले अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्हें 7 मार्च को अदालत में पेश किया गया था। पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। हिरासत के दौरान उनसे लंबी पूछताछ की गई। वह भी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी मई 2018 से इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन उन्हें रहस्यमय हिमालयी योगी की पहचान करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, जिनके साथ चित्रा ने गोपनीय जानकारी साझा की थी। सेबी ने हाल ही में चित्रा पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जब बाजार नियामक ने पाया कि उन्होंने कथित तौर पर योगी के साथ एनएसई के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी। सूत्र ने कहा, संगठनात्मक संरचना, लाभांश परिदृश्य, वित्तीय परिणाम, मानव संसाधन नीतियों और संबंधित मुद्दों, नियामक की प्रतिक्रिया आदि के बारे में जानकारी योगी के साथ साझा की गई थी। चित्रा 1 अप्रैल, 2013 को एनएसई की सीईओ और एमडी बनी थीं। उन्होंने साल 2014 से 2016 के बीच योगी को ईमेल भेजे थे। वह 2013 में सुब्रमण्यम को अपने सलाहकार के रूप में एनएसई में ले आई थीं। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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