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आदिवासी युवकों को कथित रूप से प्रताड़ित करने के आरोप में सिपाही का तबादला

हैदराबाद, 12 नवंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना के सूयार्पेट जिले में एक पुलिस अधिकारी का कथित तौर पर हिरासत में एक आदिवासी को प्रताड़ित करने के बाद शुक्रवार को उसका तबादला कर दिया गया। सूयार्पेट जिले के पुलिस अधीक्षक एस. राजेंद्र पासड ने आत्मकुर (एस) थाने के सब-इंस्पेक्टर एम. लिंगैया को वेकेंसी रिजर्व (वीआर) पर भेजा गया है। एसपी ने सूयार्पेट के डीएसपी मोहन कुमार को भी घटना की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई उन आरोपों के बाद हुई है, जिसमें लिंगैया ने 23 वर्षीय आदिवासी किसान को प्रताड़ित किया था, जिसे चोरी के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। जी. वीरशेखर के परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर गुरुवार को थाने के सामने धरना दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआई द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के बाद वीरशेखर होश खो बैठा। वीरशेखर के परिवार के सदस्यों ने कहा कि तीन पुलिसकर्मी उसे थाने ले गए। हालांकि वीरशेखर के बड़े भाई और एक अन्य रिश्तेदार भी मामले से संबंधित कागजात की मांग को लेकर थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए जाने के लिए कहा कि वह बाद में उपलब्ध कराए जाएंगे। बुधवार की देर रात वीरशेखर के पड़ोसियों में से एक को पुलिस थाने से फोन आया कि वे उसे घर ले जाएं। उसके परिजन जब थाने पहुंचे तो बेहोशी की हालत में मिला था। पुलिस ने कहा कि वह बीमार था, लेकिन जब उसे होश आया, तो उसने परिवार वालों को बताया कि उसके साथ मारपीट की गई है। उसने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने दीवार पर पिन लगाकर उनके हाथ-पैर खींचे और बेल्ट और डंडों से पीटा। अगले दिन आदिवासी किसान के रिश्तेदार और अन्य निवासी उसे थाने ले आए और उसे प्रताड़ित करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया। पुलिस ने बाद में उसे सूयार्पेट के सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। हालांकि, पुलिस ने थर्ड-डिग्री टॉर्चर से इनकार किया। उन्होंने कहा कि चोरी के एक मामले में एक आरोपी द्वारा अपना नाम बताए जाने के बाद वीरशेखर को पूछताछ के लिए उठाया गया था। पुलिस ने कहा कि चूंकि वह कमजोर था और ठीक नहीं था, इसलिए उसे घर वापस भेज दिया गया। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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