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फर्जी पैमेंट गेटवे तैयार कर लोगों से कर रहा था ठगी, आरोपित गिरफ्तार

नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। दक्षिण पूर्वी जिले की साइबर सेल ने आनलाइन पैमेंट कराने के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक आरोपित गिरफ्तार को किया है। आरोपित अशीष राणा नौकरी का झांसा देकर लोगों से रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर फर्जी पैमेंट गेटवे से आनलाइन पैमेंट कराकर लोगों से पैसे ठगता था। आरोपितों ने हर माह सौ लोगों को ठगने का लक्ष्य रखा हुआ था। इस काम में उसका दोस्त भी उसका साथ देता था, जो फरार है। दोनों ने छह लोगों को नौकरी पर रखा हुआ था, जो फोन कर लोगों को झांसे में लेते थे और फिर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। फिलहाल पुलिस मामले में आरोपित से पूछताछ कर रही है। डीसीपी आर.पी मीणा ने बताया कि 12 जून को सरताज खुराना नाम के युवक ने कालकाजी थाने में शिकायत दी। अपनी शिकायत में उसने बताया कि उसे एक फोन आया। फोन करने वाली युवती मुस्कान ने खुद को नौकरी.काम का कर्मचारी बताया। मुस्कान ने कहा कि उन्होंने नौकरी के लिए अप्लाई किया है। इसलिए उन्हे कई कम्पनियों से चुन लिया है। वह इसकी जानकारी दें, इससे पहले उन्हें 10 रुपए की रजिट्रेशन फीस देनी होगी। पीड़ित ने युवती की बताई वेबसाइट पर पैमेंट की तो उसके अकाउंट से पांच हजार रुपए कट गए और उसका नम्बर अब ब्लाक कर दिया गया है। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू की गई। साइबर सेल के इंस्पेक्टर संदीप पंवार की टीम ने आरोपित के फोन की लॉकेशन, सीडीआर निकाली और उसके सर्विलांस पर लगाया। सौ से ज्यादा पैमेंट अकाउंट बनाए थे फोन की लॉकेशन से कोई जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी, लेकिन सीडीआर और सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने एयरटेल पैमेंट बैंक, पेटीएम पैमेंट बैंक और वीपस वैलेट के करीब सौ अकाउंट बनाए हुए हैं। यह सभी अकाउंट एक ही इंटरनेट सेवा से चलते थे। इस इंटरनेट का आईपी एड्रैस निकाला तो पुलिस को आरोपित अशीष राणा का नम्बर मिला। जिसकी मदद से पुलिस ने उसे दबोच लिया। छह लोगों को नौकरी रखा था आरोपित अशीष राणा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह और उसका दोस्त मिलकर यह काम करते हैं। उन्होंने लोगों को ठगने के लिए छह लोगों को नौकरी रखा हुआ है। इन लोगों की सैलरी 15 हजार से लेकर 45 हजार रुपए तक है। यह लोगों को फोन करते थे और उन्हे झांसे में लेकर पैमेंट करने को कहते थे। कैसे करते थे ठगी आरोपित अशीष राणा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने नौकरी.कॉम और अन्य कई वेबसाइट से उन लोगों का डाटा खरीदा था जो नौकरी की तलाश कर रहे थे और अपना रिज्यूमें उन्होंने इन वेबसाइट को दिया था। डाटा की मदद से आरोपित उन लोगों को फोन करवाते थे और फिर रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 10 रुपए देने की पैमेंट अपनी बताई वेबसाइट से करने के लिए करते थे। पीड़ित जब इनकी बताई वेबसाइट से पैमेंट करता था तो आरोपित फर्जी पैमेंट गेटवे की मदद से उसके अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक माह में सौ लोगों को ठगने का लक्ष्य रखा हुआ था। जिससे सैलरी, किराया और बैंक अकाउंट किराए लेने के लिए पैसे निकल जाते थे। इसके साथ ही दोनों दोस्तों को भी 70-80 हजार रुपए बच जाते थे। पुलिस की शुरूआती जांच में अभी तक 10 मामले सामने आए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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