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रिश्वत प्रकरण:आरोपी तत्कालीन हैड कांस्टेबल व दलाल की जमानत अर्जी खारिज

कोटा,18 अप्रैल (हि.स.)। एसीबी न्यायालय ने रिश्वत की मांग के एक पुराने मामले में आरोपी देवली मांझी के तत्कालीन हैड कॉन्स्टेबल एवं दलाल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। फरियादी चौमा बीबू निवासी उमाशंकर ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रकरण के अनुसार तत्कालीन हैड कॉन्स्टेबल दयाराम गुर्जर द्वारा ग्राम चोमा बीबू की रेखा बाई के घर से गायब होने की गुमशुदगी रिपोर्ट की जांच के दौरान लड़की के मिलने के बाद उसको परिवादी उमाशंकर मीणा द्वारा भगाकर ले जाने का झूठा आरोप लगाकर बचाने की एवज में 16 सितंबर 2017 को एक लाख रुपए की रिश्वत की मांग परिवादी से की गई। जिसकी शिकायत परिवादी द्वारा 17 सितंबर 2017 को कार्यालय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी कोटा शहर में की। इस पर एसीबी ने 18 सितंबर 2017 को रिश्वत की मांग का गोपनीय सत्यापन करवाया। सत्यापन के दौरान आरोपी हैड कांस्टेबल द्वारा रिश्वत राशि दलाल जगदीश गुर्जर के माध्यम से लेने के लिए सहमत होना पाया। सत्यापन के दौरान आरोपी दयाराम गुर्जर द्वारा रिश्वत राशि एक लाख रुपए के बजाए 50 हजार रुपए की रिश्वत लेने के लिए राजी हुआ तथा इनमें से 20 हजार रुपए 19 सितंबर 2017 एवं शेष राशि 30 हजार रुपए सात-आठ दिन बाद देना तय हुआ। एसीबी की टीम ने 19 सितंबर 2017 को ट्रेप कार्रवाई का आयोजन किया। मगर किसी कारणवश भनक लग जाने के कारण दयाराम गुर्जर व दलाल जगदीश गुर्जर द्वारा रिश्वत की राशि ग्रहण नहीं की। एसीबी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले में एसीबी स्पेशल यूनिट कोटा ने इन्हें पकड़ कर कोर्ट में पेश किया था। जहां से उन्हें जेल भेज दिया था। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश शर्मा/ ईश्वर

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