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नाबालिक का गर्भपात कराने में सह-अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज

अनूपपुर, 24 फरवरी (हि.स.)। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट भूपेन्द्र नकवाल की न्यायालय ने नाबालिक का अवैध गर्भपात कराने में सह-अभियुक्त 42 वर्षीय ललित नारायण मिश्रा पुत्र देवमणि मिश्रा निवासी ग्राम पचौहा, थाना जैतहरी की जमानत याचिका पर विशेष लोक अभियोजक राजगौरव तिवारी के विरोध के बाद निरस्त कर दी। मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पांडेय ने बुधवार को बताया कि जून 2019 को जिला चिकित्सालय अनूपपुर में 1 दिन के नवजात शिशु को गलत नाम एवं पता लेख कराकर उसके परिजन द्वारा उपचार हेतु भर्ती कराया गया था, जिसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। परिजनों ने मृत्य शिशु को छोडक़र चले गए। बाद में पीडि़त ने थाना जाकर जानकारी दी कि प्रकरण का मुख्य अभियुक्त् ने वर्ष 2016 से उसका पीछा कर उसे जान से मारने की धमकी देकर लगातार बलात्कार किया, जिससे वह वर्ष 2018 में गर्भवती हो गई। सह अभियुक्त ललित नारायण मिश्रा द्वारा सहमति के बिना उसका गर्भपात किया। जिसे जिला चिकित्सालय अनूपपुर में गलत नाम बताकर भर्ती कराया, जिसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। आरोपित ने अपने आवेदन में बताया कि उसने कभी कोई अपराध नहीं किया है। उसे झूठा फंसाया जा रहा है तथा सह अभियुक्तों की जमानत पूर्व में हो चुकी है। जिस पर विशेष लोक अभियोजक ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि आवेदक की अपराध में प्रमुख भूमिका है अन्य सहअभियुक्तों को जिस आधार पर जमानत मिली है, उनकी परिस्थिति अलग अलग होने से आरोपित समानता के आधार पर जमानत का लाभ प्राप्त करने का हकदार नहीं है। उसने गर्भपात कराने तथा बलात्कार के तथ्यों को छिपाने में पूर्ण सहयोग किया, जो अत्यंत गंभीर प्रकृति का अपराध है दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित की जमानत याचिका निरस्तत कर दी। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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