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अधिकारियों की उदासीनता: सिंचाई विभाग का डाक बंगला बना भैंसों का तबेला

- मामला टहरौली तहसील के ग्राम परसा का झांसी, 20 मई (हि.स.)। पूर्ववर्ती सरकारों से जिले में सरकारी बिल्डिंगों की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है भगवान ही मालिक है। इसका उदाहरण टहरौली तहसील के ग्राम परसा में देखा जा सकता है। जहां सिंचाई विभाग के सरकारी डाक बंगले को स्थानीय लोगों ने भैसों का तबेला बना दिया है। स्थानीय लोगों द्वारा अपनी भैंसों को बांधा जा रहा है और अपना भूसा भी इसी सरकारी बिल्डिंग में भरा जा रहा है। कुछ लोग गोबर के उपले भी सिंचाई विभाग के डाक बंगले की बिल्डिंग में भरे हुये हैं। यह तब है जब तहसील मुख्यालय महज चार किमी की दूरी पर है और अधिकारी इसी डाक बंगले के सामने से प्रतिदिन गुजरते भी हैं। कस्बा टहरौली को तहसील का दर्जा करीब बीस साल पहले मिला था। तहसील संचालन के लिए स्थान न होने के चलते ग्राम परसा स्थित सिंचाई विभाग के इसी डाक बंगले में अस्थायी तौर पर तहसील संचालित की गयी थी। इसका शुभारम्भ तत्कालीन जिलाधिकारी रजनीश दुबे द्वारा किया गया था। जब नई तहसील का भवन निर्माण हो गया तब से यह डाक बंगला सिंचाई विभाग के अधिकारियों, स्थानीय टहरौली तहसील के अधिकारियों और जिले के आलाधिकारियों की उदासीनता और कुम्भकर्णी निद्रा का शिकार हो गया। इसके चलते उक्त भवन जर्जर हालत में जा पहुंचा है। लोग इस भवन के गेट और खिड़कियां तक निकाल कर ले गये हैं जबकि कुछ लोग यहां अपनी-अपनी भैंसें बांध रहे हैं। कुछ लोग उपले भी भरे हुए हैं। जहां कभी तहसील लगा करती थी आज वह भवन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इससे भी आश्चर्यजनक बात यह है कि परसा टहरौली के ठीक चार किमी पहले ही सड़क किनारे स्थित है। यह भवन भी सड़क से दिखाई देता है। उप जिलाधिकारी से लेकर सभी अधिकारी सड़क से निकलते हुए इसे प्रतिदिन देखते हुए ही जाते हैं।मामले में उप जिलाधिकारी से सम्पर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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