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व्यासी बांध परियोजना में जलमग्न हुए 66 परिवारों के पुश्तैनी घर (लीड-1)

कालसी/ देहरादून, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। यमुना नदी पर बनी 120 मेगावाट क्षमता की व्यासी परियोजना की झील में 66 परिवारों के पुश्तैनी घर डूब गए हैं। डूब क्षेत्र के लोहारी गांव को पूरी तरह खाली करने का अल्टीमेट दिया गया था, जिसके चलते ग्रामीणों ने अपने पुश्तैनी मकान से सामान निकाल लिया था। ग्रामीणों ने पहाड़ी शैली में निर्मित पुश्तैनी माकानों के खिड़की दरवाजे और चौखट भी निकाली। देहरादून जिले के पछवादून में 120 मेगावाट क्षमता की व्यासी जल विद्युत परियोजना के जलस्तर में लोहारी गांव के खेत खलिहान तक डूब गए हैं। ग्रामीणों के पुश्तैनी मकान और पूरा गांव भी जल समाधि ले चुका है। कुछ प्रभावित ग्रामीण शिफ्ट हो चुके हैं तो कुछ ग्रामीण पास में स्थित प्राइमरी स्कूल में रह रहे हैं। ग्रामीणों ने घर की चौखट दरवाजे भी उखाड़े लोहारी के ग्रामीण पुश्तैनी मकानों के खिड़की दरवाजे व अन्य सामान निकाल कर अपने साथ ले गए। पुश्तैनी मकान और गांव को छोड़ते वक्त उनकी आंखें नम दिखीं। जनजाति क्षेत्र लोहारी गांव के जलमग्न होने से खत लखवाड़ का एक गांव घट गया है। अभी तक इस खत में कुल नौ गांव थे। समिति अध्यक्ष नरेश चौहान ने बताया कि ग्रामीणों ने बिस्सू पर्व तक गांव में रुकने की मांग की थी, लेकिन यूजेवीएनएल ने पहले ही मकान ढहाने को जेसीबी खड़ी कर दी। अपर जिलाधिकारी प्रशासन एसके बरनवाल ने बताया कि व्यासी परियोजना से डूब क्षेत्र में आ रहे लोहारी गांव के कुल 66 बांध प्रभावित परिवारों के लिए सरकार की ओर से कुल 15 करोड़ 44 लाख मुआवजा राशि स्वीकृत है। इसमें विस्थापन एवं पुर्नवास नीति के तहत शुरूआती चरण में प्रभावित परिवारों को अस्सी फीसद मुआवजा दिया जा चुका है। --आईएएनएस स्मिता/एएनएम

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