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पालघर पिकनिक त्रासदी में नासिक के 3 छात्र सहित 4 किशोर डूबे (लीड-1)

पालघर, 3 मार्च (आईएएनएस)। एक दुखद घटना में गुरुवार को यहां के केल्वे बीच पर उठे ऊंचे ज्वार के दौरान भंवर की तेज धारा में बहे 13 साल के एक लड़के को बचाने की कोशिश में बीच पर पिकनिक पर गए 3 नासिक के सहित 4 किशोर डूब गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने कहा कि 17 साल के एक लड़के अभिलेख देवारे भी पानी में बह गया था, लेकिन तैर सकता था, इस लिए बच गया। एक स्थानीय टोंगावाला (गाड़ी के मालिक) ने रस्सी फेंककर उसे बाहर खींच लिया। जान गंवाने वाले 3 किशोर जूनियर कॉलेज के छात्रों के एक 39 समूह का हिस्सा थे, जिसमें 11 लड़कियां शामिल थीं। वे पांच शिक्षकों के साथ एक पर्यटक बस में सुरम्य केल्वे बीच पर एक दिन की पिकनिक के लिए यहां पहुंचे थे, लेकिन बड़ी त्रासदी हो गई। मृतकों की पहचान स्थानीय लड़के अथर्व नाखरे के अलावा दीपक वडकाटे, ओम विस्पुते और कृष्णा शेलार, सभी 17 वर्ष और नासिक की ब्रह्मा घाटी के निवासी के रूप में हुई है। पालघर की डिप्टी एसपी नीता पड़वी के अनुसार, पिकनिक मनाने वाले लोग अरब सागर समुद्र तट पर अलग-अलग समूह में आनंद ले रहे थे। इस समय कटाव को रोकने के लिए एक किमी लंबे खंड पर रेत के ढेर लगे हुए हैं। उस समय, एक स्थानीय गांव का लड़का अथर्व नाखरे, जो अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था, अरब सागर के पानी में फंस गया, क्योंकि ज्वार के कारण पानी का स्तर अचानक बढ़ गया। मदद के लिए उसकी चीखें सुनकर नासिक के कुछ लड़के उसे बचाने के लिए पानी में कूद पड़े, लेकिन वे धाराओं से नहीं लड़ सके और अरब सागर में बह गए। उनके कॉलेज के साथी और शिक्षक मदद के लिए चिल्लाए, लेकिन आसपास कोई नहीं था। हालांकि टोंगावाला राशिद खान एक लड़के को बचाने में कामयाब रहा। डिप्टी एसपी ने कहा कि पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कई घंटों की तलाशी के बाद सभी शवों को पानी से निकाला गया। पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिवारों को सौंप दिए जाएंगे। एक स्थानीय निवासी आर. मुकने ने दावा किया कि पिछले एक दशक में केल्वे बीच पर डूबने की कम से कम 15 घटनाएं हुई हैं। यहां मुंबई, पुणे, ठाणे, नासिक आदि अन्य शहरों से कुछ लोग अक्सर आते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्राम पंचायत ने चेतावनी के संकेत लगाए हैं और समुद्र तट की निगरानी के लिए दो लाइफगार्ड नियुक्त किए हैं, लेकिन कई आगंतुक समुद्र तट के बहुत दूर तक जाना पसंद करते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं। --आईएएनएस एसजीके

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