2-paramedics-caught-for-black-marketing-of-o2-cylinders
2-paramedics-caught-for-black-marketing-of-o2-cylinders

2 पैरामेडिक्स को ओ2 सिलेंडरों की कालाबाजारी के लिए पकड़ा

नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने दो सीएटीएस पैरामेडिक्स को गिरफ्तार किया है जो कथित तौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में शामिल थे और उनसे 1 लाख रुपये भी वसूल किए हैं। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा कि पुलिस को 6 मई को एक पीसीआर कॉल मिली, जिसमें फोन करने वाली सुमन ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं। पुलिस ने फिर शिकायतकर्ता से संपर्क किया, जिसने कहा कि एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक संदेश पोस्ट किया जिसमें कोविड-19 से पीड़ित रोगी के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई थी। ठाकुर ने कहा, जब उस नंबर पर संपर्क किया, तो उस व्यक्ति ने 50 लीटर ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 90,000 रुपये की मांग की। प्राथमिकी दर्ज की गई और दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम बनाई गई। ठाकुर ने कहा कि पुलिस टीम के पास केवल एक फोन नंबर था जिस पर शिकायतकर्ता ने संपर्क किया था, तकनीकी निगरानी मुहिम की गई थी और स्थानीय खुफिया जानकारी भी विकसित की गई थी। डीसीपी ने कहा, ईमानदारी से प्रयासों के बाद, एक 21 वर्षीय, दक्षिणपुरी का निवासी पकड़ा गया और उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि पिछले दो वर्षों से वह सीएटीएस एम्बुलेंस सेवाओं के साथ पैरामेडिक्स के रूप में काम कर रहे हैं। पवन के मेडिकल बैकग्राउंड ने जांच टीम के दिमाग को अलर्ट कर दिया, परिणामस्वरूप टीम को संदेह हुआ। पवन के मोबाइल फोन को जांच टीम द्वारा स्कैन किया गया और विभिन्न सुरागों का पता चला। उसमें पता चला कि कई लोग पवन ने विशेष रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए उसके व्हाट्सएप पर बात करते थे जिसमें वह 15 लीटर सिलेंडर के लिए 40,000 रुपये और 50 लीटर सिलेंडर के लिए 90,000 रुपये चार्ज कर रहा था। मोडस ऑपरेंडी के बारे में बताते हुए, ठाकुर ने कहा, पवन एक प्रशिक्षित पैरा-मेडिसिन है और सीएटीएस एम्बुलेंस के साथ काम करता है। गंभीर रूप से बीमार रोगियों के परिवहन के लिए एम्बुलेंसों को ऑक्सीजन सिलेंडर जारी किए जा रहे थे। वह अपने मोबाइल नंबर को इंस्टाग्राम पर आपूर्ति के लिए प्रचारित करने में कामयाब रहे। ऑक्सीजन सिलेंडर और जल्द ही उसे उसी के लिए मांग मिलनी शुरू हो गई, और उसने एम्बुलेंस के लिए जारी किए जा रहे ऑक्सीजन सिलेंडर को गलत तरीके से लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, उसने अपने पेटीएम खाते पर राशि प्राप्त की, जिसे एक्सिस बैंक और पीएनबी बैंक में अपने दो बचत खातों में स्थानांतरित कर दिया गया और बाद में यह राशि वापस ले ली गई। ठाकुर ने यह भी कहा कि पवन की मदद विपिन नागर और रोहित नागर द्वारा की जा रही थी, जो ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था में विभिन्न सीएटीएस स्टेशन में पैरा-मेडिक्स और पायलट भी हैं। डीसीपी ने कहा कि जांच के दौरान आरोपी पवन और दो ऑक्सीजन सिलेंडर (एक 50 लीटर और एक 15 लीटर), 32 पीपीई किट के गोदाम पर छापा मारा गया, उसके घर से 1 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई। पुलिस ने सीएटीएस के एक पैरा दवा विपिन नागर को भी गिरफ्तार किया। --आईएएनएस एसएस/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in