दक्षिण भारत में 'दही' नहीं 'कर्ड' ही चलेगा, जानिए पूरा विवाद

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने गुरुवार को दही के पैकेट पर प्रमुखता से ‘दही’ शब्द के उपयोग पर जोर देने से जुड़े अपने आदेश को वापस ले लिया।
दक्षिण भारत में 'दही' नहीं 'कर्ड' ही चलेगा, जानिए पूरा विवाद

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने गुरुवार को दही के पैकेट पर प्रमुखता से ‘दही’ शब्द के उपयोग पर जोर देने से जुड़े अपने आदेश को वापस ले लिया। लेबलिंग प्रावधानों में किए नए बदलाव के अनुसार कर्ड (अंग्रेजी) को प्रमुखता के साथ उपयोग करते हुए क्षेत्रीय भाषाओं में इसके नाम को कोष्ठक में दिया जा सकता है।

कर्ड का उपयोग करने की मिली अनुमति

इस आदेश के बाद दुग्ध संघों को कर्ड का प्रमुखता से उपयोग करने की अनुमति मिल गई है और इसके क्षेत्रीय नामकरण मोसरू, तायिर, पेरुगु, ज़ामत दाउद और दही को कोष्ठक में उपयोग करने की अनुमति दी गई है।

क्यों खड़ा हुआ था विवाद

एफएसएसएआई द्वारा दुग्ध संघों और डेयरी उत्पादकों को उत्पादों का नाम बदलने का निर्देश दिए जाने के बाद तमिलनाडु में दक्षिणी राज्य में हिंदी थोपने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एफएसएसएआई पर निशाना साधा। स्टालिन ने कहा कि जिम्मेदार लोगों का दक्षिणी राज्यों से ‘बहिष्कार’ किया जाएगा।

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