छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में युवाओं से हुए रूबरू
युवाओं की प्रतिभा को संवारने और आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के अभियान में नहीं होगी कोई कमी रायपुर, 10 जनवरी (हि.स.) । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को अपनी रेडियोवार्ता लोकवाणी की 14वीं कड़ी में युवाओं से रूबरू हुए। रेडियोवार्ता की यह कड़ी युवाओं को समर्पित रही। मुख्यमंत्री ने युवाओं द्वारा रिकार्डेड संदेश के माध्यम से साझा किए गए विचारों और सुझावों पर विस्तार से चर्चा की और युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने इस कड़ी में युवाओं को नए वर्ष की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की तरूणाई नई अंगड़ाई लेकर उठ खड़ी हुई है। जो हम सबके सुरक्षित और सुखद भविष्य का संकेत है। मुख्यमंत्री बघेल ने युवाओं को उनके उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि युवाओं की प्रतिभा को संवारने और उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने के राज्य सरकार के अभियान में किसी तरह की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ी युवा हर मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं और सीख की चर्चा भी युवाओं के साथ की। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के शब्दों को उद्यत करते हुए युवाओं से कहा कि ’एक विचार उठाओ, उसे अपना जीवन बना लो’ यह सफलता का मार्ग है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को देखकर यही लगता है कि उन पर गांधी-नेहरू-स्वामी विवेकानन्द का असर है। उन्होंने कहा कि बेहतर खेल अधोसंरचनाओं के विकास से खेल प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा निखारने और छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के जरिए युवा साहित्यकारों और कलाकारों को सही मंच, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से किया कोरोना का मुकाबला मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में कहा कि पिछला साल बड़ी चुनौतियों के साथ बीता है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनिया में अनेक परिवारों को अपने प्रियजनों से बिछड़़ना पड़ा। नौकरी, व्यापार, व्यवसाय तथा भिन्न-भिन्न आजीविका के साधनों पर कोरोना महामारी का बहुत घातक आघात रहा। छत्तीसगढ़वासियों ने अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सेवा भावना से कोरोना का मुकाबला किया। आप सबकी बदौलत ही छत्तीसगढ़ ने कोरोना काल में भी बहुत उपलब्धियां हासिल कीं, जिसके कारण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को ख्याति मिली। हमारी उपलब्धियों के पीछे एक बहुत बड़ी ताकत हमारी युवा शक्ति है। स्वामी विवेकानंद ने भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई मुख्यमंत्री बघेल ने लोकवाणी में कहा कि मैं स्वामी विवेकानंद जी को, उनके जन्मदिन के अवसर पर, प्रदेश की जनता की ओर से नमन करना चाहूंगा। स्वामी विवेकानंद का मन मानव जाति की सेवा में रमा। बहुत छोटी-सी आयु में ही वे स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बन गए और वेदांत तथा आध्यात्मिक ज्ञान के शिखर की ओर बढ़ चले। 11 सितम्बर 1893 को शिकागो की धर्मसंसद में स्वामी विवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा दिलाई। स्वामी विवेकानंद को युवाओं का आदर्श माना गया। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है कि भारत में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ का आयोजन 12 जनवरी 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में शुरू हुआ। छत्तीसगढ़ के युवाओं ने हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम किया रोशन मुख्यमंत्री ने बताया कि रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद, स्वामी आत्मानंद मेरे मन में बचपन से बसे थे। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यदि भारत को जानना है तो स्वामी विवेकानंद को पढि़ए। पंडित जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि युवाओं को चाहिए कि वे विवेकानंद को बार-बार पढें, उनकी बुद्धिमत्ता, जोश और विवेक से नई पीढ़ी को काफी मदद मिलेगी। स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ प्रवास हमें उस यश और गौरव से जोड़ता है, जो उन्होंने मात्र 39 वर्ष की उम्र में ही कमा लिया था। यही वजह है कि हम रायपुर में स्वामी जी की यादों को सहेजने का काम कर रहे हैं। हाल के दो वर्षों की बात करूं तो ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारी बस्तर की एक बेटी नम्रता जैन यूपीएससी में देश में बारहवें स्थान पर रही हैं। बिलासपुर के वर्णित नेगी तेरहवें स्थान पर रहे। भिलाई की सिमी करण सहित उमेश गुप्ता, आयुष खरे, योगेश पटेल, प्रसून बोपचे जैसे युवाओं ने एक सिलसिला बना दिया है। वर्ष 2020 में दुर्ग के कल्पित अग्रवाल गेट की परीक्षा में टॉपर रहे तो रायपुर के तनय राज ने नीट में परचम लहराया। ‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़‘ मुख्यमंत्री ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी दीपेश कुमार सिन्हा, शिखर सिंह, आकर्षि सहित अन्य सभी खिलाडि़यों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैंने नारा दिया था, ‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़।’ हमें पता है कि विरासत में हमें बेहद कमजोर खेल अधोसंरचना मिली है, वहीं खिलाडि़यों को भी बहुत से अभावों से जूझना पड़ता था। इसलिए हमने ‘छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण’ का गठन किया। हॉकी, फुटबाल, बैडमिंटन, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी आदि खेलों के निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा दी गई है। अब ‘खेलो इंडिया योजना’ के तहत रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की आवासीय हॉकी अकादमी तथा बिलासपुर में तीरंदाजी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। दो वर्षों में 46 हजार से अधिक युवाओं ने मुख्यमंत्री कौशल प्रशिक्षण योजना से बने हुनरमंद मुझे खुशी है कि दो वर्षों में 46 हजार से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण लिया है, जिसमें से लगभग 23 हजार युवाओं ने अपना काम शुरू कर दिया है। आपकी सहूलियत के लिए हमने ‘रोजगार संगी मोबाइल एप’ शुरू किया, जो प्रशिक्षित युवा और नियोक्ता के बीच पुल का काम कर रहा है। कोरोना के कारण जो प्रवासी श्रमिक वापस लौटे उनमें से 2 लाख 14 हजार लोगों की स्किल मैपिंग करके उनके प्रशिक्षण और रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। जैसे ही कोरोना का असर कम होगा या इसकी गाइडलाइन इजाजत देगी, वैसे ही हम जल्दी से जल्दी कौशल प्रशिक्षण शुरू करने की व्यवस्था करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र-hindusthansamachar.in