Budget 2024: कोई और दिन क्‍यों नहीं, 1 फरवरी को ही पेश होता है बजट? जानिए डिटेल

Interim Budget 2024: देश का अंतरिम बजट वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को पेश करेंगी। हमेशा से इसी दिन बजट पेश नहीं होता रहा है। कुछ साल पहले तक बजट फरवरी अंत में पेश होता था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण। रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार। देश का अंतरिम बजट वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को पेश करेंगी। हमेशा से इसी दिन बजट पेश नहीं होता रहा है। कुछ साल पहले तक बजट फरवरी अंत में पेश होता था। नरेंद्र मोदी सरकार आने पर वर्षों पुरानी परंपरा तोड़ी गई। 2017 में तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने 92 साल पुरानी औपनिवेशिक काल की परंपरा को तोड़कर फरवरी के अंतिम दिन के बजाय पहले दिन बजट पेश करने का ऐलान किया था। 1 फरवरी को बजट पेश करने के पीछे कई कारण थे।

नए वित्‍त वर्ष की तैयारी को मिलता है अधिक समय

पहली फरवरी को बजट पेश करने से सरकार को एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष शुरू करने के लिए तैयारी का अधिक समय मिलता है। फरवरी के आखिरी दिन बजट आने से सरकार के पास पहले इस तैयारी के लिए कम समय होता था। इससे बजट में घोषित नई नीतियों और योजनाओं को लागू करने के लिए सरकार को जल्‍दबाजी करनी पड़ती थी। उसके पास ज्‍यादा स्‍पेस नहीं रहता था। 1 फरवरी को बजट पेश होने से जरूरी प्रशासनिक व्यवस्थाएं कायम करने को भी पर्याप्त समय म‍िल जाता है।

चर्चा और मतदान के कई चरणों से गुजरना होता है

बजट संसद के दोनों सदनों में चर्चा और मतदान के कई चरणों से गुजरता है। आमतौर पर यह प्रक्रिया कई सप्ताह तक चलती है। इससे नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले बजट पर चर्चा और अनुमोदन करने को पर्याप्त समय मिल जाता है।

ब्रिटिश राज से चली आ रही थी परंपरा

ब्रिटिश राज से फरवरी के अंतिम दिन बजट पेश करने की परंपरा चली आ रही थी। बजट को मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत के करीब इसलिए पेश किया जाता था, ताकि आगामी वर्ष को खाका तैयार हो सके। मोदी सरकार ने पुरानी परंपरा को तोड़कर मिसाल कायम की। इसके पीछे मंशा थी कि गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना।

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