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यूक्रेन में युद्ध का तमिलनाडु के तिरुपुर में परिधान निर्यात उद्योग पर असर

चेन्नई, 30 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु के तिरुपुर को दक्षिण के मैनचेस्टर के रूप में जाना जाता है, जहां से अधिकांश परिधान निर्यात होते हैं। कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि से जूझ रहे इस उद्योग पर अब यूक्रेन-रूस युद्ध का असर पड़ रहा है। तिरुपुर देश के सबसे बड़े कपड़ा केंद्रों में से एक है। यहां से प्रतिमाह 3000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, लेकिन निर्यातकों ने कहा कि पिछले महीने कारोबार में 20 से 30 प्रतिशत के बीच गिरावट आई है। तिरुपुर से लगभग 65 प्रतिशत निर्यात कारोबार यूरोपीय संघ से जुड़ा है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध ने निर्यात को काफी प्रभावित किया है। तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा एम. षणमुगम ने आईएएनएस को बताया, कच्चे माल की कीमत में भारी वृद्धि देखी गई है। उदाहरण के लिए, कॉटन कैंडी की कीमत 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 80,000 रुपये प्रतिमाह हो गई है और इससे हमारा उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि अधिकांश यूरोपीय ब्रांड तिरुपुर से आयात करते हैं और रूस व यूक्रेन में व्यापार करते हैं, लेकिन युद्ध का पूरे यूरोप पर व्यापक प्रभाव पड़ा है, जिससे यूरोपीय देशों द्वारा आयात किए जाने में गिरावट आई है। टीईए अध्यक्ष ने कहा, यूरोप और यूके युद्ध के बाद संकट में फंस गए हैं और स्वाभाविक रूप से वे कपड़ों का आयात काफी कम कर देंगे। अधिकांश यूरोपीय ब्रांडों ने आयात को 20 से 30 प्रतिशत के बीच कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि कपास कैंडी की कीमतों में वृद्धि ने यार्न और कपड़ों के उत्पादन को प्रभावित किया है और सूती कपड़ा मूल्य श्रृंखला के विकास को प्रभावित कर रहा है। भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) के अध्यक्ष टी. राजकुमार ने मीडियाकर्मियों से कहा, व्यापारी कपास की जमाखोरी कर रहे हैं और एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स में भविष्य के कारोबार का फायदा उठाकर रोजाना आधार पर कीमतों में हेरफेर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 11 प्रतिशत आयात शुल्क ने व्यापारियों को किसानों के नाम पर कपड़े जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया है और केंद्र सरकार से आयात शुल्क वापस लेने की अपील की है, जिससे कीमतों में स्वचालित रूप से कमी आएगी। कपड़ा उद्योग के अग्रणी उद्यमियों ने सरकार से जमाखोरी को रोकने के लिए व्यापारियों के लिए कपास स्टॉक की घोषणा अनिवार्य करने का भी आह्वान किया। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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