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निजीकरण के खिलाफ विशाखापत्तनम स्टील संयंत्र के कर्मचारियों का प्रदर्शन तेज

विशाखापत्तनम, 13 फरवरी (आईएएनएस)। निजीकरण के खिलाफ बीते एक साल से प्रदर्शन कर रहे विशाखापत्तनम स्टील संयंत्र के कर्मचारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन तेज करते हुए रविवार को जेल भरो आंदोलन शुरू किया। विशाखा उक्कु परिरक्षण पोरता समिति संयंत्र का निजीकरण करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शन के एक साल पूरे होने के अवसर पर समिति के सदस्यों ने पूरे शहर में रैली निकाली। इसके बाद प्रदर्शनकारी गाजुवाका पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठ गये। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार अपने फै सले को वापस नहीं लेगी, तब तक वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। फिल्म निर्देशक एवं अभिनेता आर नारायण मूर्ति ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया और प्रदर्शनकारियों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि जब तक मोदी सरकार अपने फैसले को वापस न ले तब तक वे प्रदर्शन वापस न ले। उन्होंने साथ प्रदर्शनकारियों को कहा कि वे अपने मुद्दे के बारे में लोगों को जागरुक करें। आर्थिक मामलों की संसदीय समिति ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड और इसकी सहयोगी कंपनियों तथा संयुक्त उपक्रमों के 100 फीसदी निजीकरण का अनुमोदन किया था। विशाखापत्तनम स्टील संयंत्र राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड का ही हिस्सा है। गत साल जुलाई में निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ने निजीकरण का खाका तैयार करने के लिए विधिक सलाहकारों को नियुक्त करने का निर्णय लिया। प्रदर्शनरत कर्मचारियों की समिति के नेता शनिवार को नयी दिल्ली गये ताकि उन्हें सांसदों का सहयोग मिल सके। समिति के अध्यक्ष नरसिंह राव ने कहा कि एक साल के प्रदर्शन के बाद भी केंद्र सरकार संयंत्र के निजीकरण के फैसले को लेकर अडिग है। समिति ने कहा कि राज्य की सत्तारुढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी इस मामले में केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है कि वह निजीकरण का विरोध करती है। --आईएएनएस एकेएस/आरजेएस

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