
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। देश में मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। अब 50 हजार रुपए से अधिक अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की भी जांच होगी। सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन नियम में बदलाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इससे टेरर फाइनेंसिंग की रोकथाम नियम और सख्त किए गए हैं। सरकार लेन-देन के मामलों की कभी भी जांच कर सकती है।
रिकॉर्ड रखने को और सख्त किया
केंद्र सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम (अभिलेखों का रखरखाव) नियम 2005 में संशोधन किया है। इससे आतंक के वित्तपोषण यानी टेरर फाइनेंसिंग को रोकने के लिए 50 हजार रुपए से अधिक के अंतरराष्ट्रीय लेन-देन मामले में रिकॉर्ड रखने को और सख्त किया गया।
एक रिपोर्टिंग यूनिट करेगी पहचान
50 हजार रुपए से अधिक के हर अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन बारीकी से जांच होगी। ऐसे ग्राहकों की पहचान एक रिपोर्टिंग यूनिट करेगी। लेन-देन करने वालों की पहचान सत्यापित करनी होगी। अगर, अच्छी तरह से परिभाषित नहीं है तो बिजनेस के उद्देश्य का पता लगाना होगा।
पर्याप्त सुरक्षा उपाय करना अनिवार्य
केंद्र सरकार के संशोधन के बाद नए नियम में रिपोर्टिंग संस्थाओं को आदान-प्रदान की गई जानकारी की गोपनीयता और उपयोग पर पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने के लिए अनिवार्य किया गया है। इसमें टिप-ऑफ को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय शामिल हैं।
विश्वसनीय सोर्स से आरोपी के बिजनेस को सत्यापित किया जाएगा
हर रिपोर्टिंग यूनिट अपने ग्राहकों की पहचान कर उनके विश्वसनीय और स्वतंत्र सोर्स का उपयोग कर उनकी पहचान सत्यापित करेगी। बिजनेस रिलेशनशिप के उद्देश्य के बारे में जानकारी हासिल करेगी और ग्राहक के बिजनेस के नेचर को समझने के लिए उचित कदम उठाएगी।
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