Paytm फाउंडर Vijay Shekhar Sharma की फर्श से अर्श की कहानी, 10 हजार महीना कमाने से लेकर अरबपति बनने का सफर

Paytm Founder Vijay Shekhar Sharma: पेटीएम फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने सोमवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं बोर्ड मेंबर पद से इस्तीफा दिया था।
विजय शेखर शर्मा।
विजय शेखर शर्मा।रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार। पेटीएम फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने सोमवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं बोर्ड मेंबर पद से इस्तीफा दिया था। दरअसल, उनकी कंपनी नियामकीय चुनौतियों का सामना कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च कर काम बंद करने का आदेश दे रखा है। विजय शेखर शर्मा द्वारा इस्तीफे का ऐलान करते समय आंखों में आंसू छलक आए थे। बता दें विजय शेखर पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के संस्थापक, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। कॅरियर के शुरुआती दिनों में विजय शेखर 10 हजार रुपए महीना कमाते थे। आज इनकी नेटवर्थ अरबों की है।

देश में लेन-देन के तरीके में लाया क्रांतिकारी बदलाव

विजय शेखर ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी को लेकर अनोखा रुख अपनाकर देश में लेन-देन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाए। इसके साथ ही वह देश की सबसे प्रख्यात एवं प्रभावशाली कारोबारी शख्सियतों में शामिल हुए। विजय शेखर शर्मा का जन्म 7 जून 1978 को यूपी के अलीगढ़ शहर में हुआ था। उनके पिता सुलोम प्रकाश स्कूल टीचर थे। मां आशा शर्मागृहिणी थीं।

19 की उम्र में की थी इंजीनियरिंग

विजय शेखर ने 19 साल की उम्र में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी) से बीटेक की डिग्री ले ली थी। साल 1997 में कॉलेज में पढ़ाई के दौरान इंडियासाइट डॉट नेट वेबसाइट शुरू की थी। उन्होंने दो साल के अंदर इस वेबसाइट को 10 लाख डॉलर में बेचा था।

साल 2000 में बनाई थी वन97

विजय ने साल 2000 में वन97 कम्युनिकेशंस की स्थापना की थी। कंपनी शुरुआत में कुछ मोबाइल कंटेंट सेवाओं की पेशकश करती थी, जिनमें न्यूज, क्रिकेट स्कोर, रिंगटोन, चुटकुले, एग्जाम रिजल्ट जैसी सेवाएं थीं। इसके बाद साल 2010 में एक डिजिटल पेमेंट्स एवं फाइनेंशियल सर्विस प्लेटफॉर्म लांच किया था, जिसे पेटीएम नाम दिया। पेटीएम ने देश में लेन-देन के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया। इसे बेहद आसान बनाया।

कैसे लोकप्रिय बनी पेटीएम?

पेटीएम का यूजर फ्रेंडली इंटरफेस और तेजी से डिजिटल लेन-देन के फीचर ने इसे बेहद कम समय में बेहद लोकप्रिय बना दिया था। इसकी सेवाओं में समय के साथ विस्तार हुआ और कंपनी मोबाइल रिचार्ज से लेकर बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल वॉलेट और डिजिटल बैंकिंग सेवाएं देने लगीं। बता दें नवंबर 2021 में पेटीएम पब्लिक हुई थी। इसने आईपीओ पेश किया था। उस समय यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था।

चीन से फाइनेंस के कारण विवादों में पड़ा

विजय शेखर की पेटीएम चीन के अलीबाबा ग्रुप से बड़े निवेश की वजह से विवादों में आई थी। कंपनी के आईपीओ से पहले चीनी कंपनी पेटीएम की सबसे बड़ी शेयरधारक (34.7 प्रतिशत) थी। वैसे, आईपीओ लाने के समय नियमों के मुताबिक अलीबाबा ग्रुप कगी आंटफिन ने अपनी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत करने को पांच प्रतिशत शेयर बेचे थे।

RBI ने क्यों की कार्रवाई?

आरबीआई ने 19 जून 2018 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर नए अकाउंट एवं वॉलेट खोलने पर प्रतिबंध लगाया था। इसकी वजह सुपरवाइजरी चिंता बताई गई थी। वैसे, 27 दिसंबर 2018 को यह रोक हटा दी थी। फिर आरबीआई ने 29 जुलाई 2021 को पेटीएम बैंक को फर्जी जानकारी साझा करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आरबीआई ने एक अक्टूबर 2021 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर एक करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी। 10 अक्टूबर 2023 को 5.93 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। आरबीआई का कहना था कि कंपनी पेआउट ट्रांजैक्शंस की निगरानी नहीं की थी। इन्हीं नियमों के उल्लंघन के मामले में आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर प्रतिबंध लगाया है।

एंजल इन्वेस्टर भी हैं विजय

विजय शेखर शर्मा केवल सफल उद्यमी नहीं, बल्कि एंजल इन्वेस्टर भी हैं। इन्होंने कई टेक स्टार्टअप की मदद की है। स्टार्टअप इकोसिस्टम में उनके योगदान से देश में इनोवेशन और उद्यमिता को रफ्तार मिली। बिजनेस के साथ-साथ वह दिल्ली स्थित नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के मैनेजमेंट बोर्ड का हिस्सा हैं। उन्हें कई अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया है। साल 2015 में उन्हें सीईओ ऑफ द ईयर और साल 2016 में यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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