Tata Sons बेचेगी TCS के शेयर, जानें 9300 करोड़ रुपए की डील का पूरा खेल

TCS Shares Deal:भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयर बेचे जाएंगे। टाटा संस (Tata Sons) ने यह फैसला लिया है।
रतन टाटा और उनकी कंपनी टाटा ग्रुप।
रतन टाटा और उनकी कंपनी टाटा ग्रुप। रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार। भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयर बेचे जाएंगे। टाटा संस (Tata Sons) ने यह फैसला लिया है। टाटा संस ने ब्लॉक डील के तहत TCS के 2.34 करोड़ शेयर 9300 करोड़ रुपये में बेचने का निर्णय लिया है। TCS की पैरेंट कंपनी Tata Sons यह बड़ी डील 4001 रुपये प्रति शेयर की दर पर कर सकती है। टीसीएस में टाटा संस की 72.38 फीसदी हिस्सेदारी है। बीते एक साल में टीसीएस के शेयरों में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई है।

जानें Tata Sons की प्लानिंग

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए नियमों के तहत टाटा संस को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होना है। टीसीएस की इस ब्लॉक डील के कारण टाटा ग्रुप को टाटा संस की पब्लिक मार्केट लिस्टिंग से बचने में आसानी हो जाएगी। RBI के नियमों के मुताबिक सभी बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होना अनिवार्य है। इस श्रेणी में टाटा संस भी आता है।

TCS ने कल छुआ था ऑलटाइम हाई लेवल

बीते कल (सोमवार) TCS के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर अपने ऑलटाइम हाई 4254.45 रुपए पर पहुंचे थे। वैसे, दिन का अंत होने पर 1.7 फीसदी नीचे गिरकर 4144.75 रुपए पर बंद हो गया था। TCS की मार्केट वैल्यू 15 ट्रिलियन रुपए है। यह मार्केट वैल्यू के हिसाब से सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) से पीछे है। टाटा संस सोमवार की क्लोजिंग रेट से 3.6 फीसदी डिस्काउंट प्राइस पर यह बिग डील करने वाला है।

अच्छा प्रदर्शन कर रहे ग्रुप के शेयर

टाटा ग्रुप के शेयर इस महीने अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। स्पार्क कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस की लिस्टिंग सितंबर 2025 तक होनी है। RBI के नोटिफिकेशन के मुताबिक तब तक टाटा संस अपर लेयर एनबीएफसी के तौर पर 3 साल की मियाद पूरी करेगी। रिपोर्ट बताती है कि टाटा संस अपना कर्ज रीस्ट्रक्चर करती या टाटा कैपिटल फाइनेंस सर्विसेज में अपनी हिस्सेदारी अन्य कंपनी को दे देती है तो अपर लेयर एनबीएफसी के तहत कोर इनवेस्टमेंट कंपनी का दर्जा गंवा बैठेगी, जिससे वह लिस्टिंग नियम से बाहर हो जाएगी।

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