
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। दिग्गज मोटर कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड अपने कर्ज चुकाने के लिए कंपनी की हिस्सेदारी बेच रही है। टाटा अपनी सहायक कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज (टीटीएल) की 9.9% हिस्सेदारी बेचेगी। इससे उसे 1467 करोड़ रुपए मिलेंगे। टीटीएल की कीमत 2 अरब डॉलर आंकी गई है। कंपनी के मुताबिक सौदा टीएमएल के कर्ज को कम करने में मददगार साबित होगा। पारंपरिक क्लोजिंग प्रक्रिया के खत्म होने के दो हफ्तों में डील पूरा होने की उम्मीद है। इस साल जून तक टाटा मोटर्स का कर्ज 41700 करोड़ था। विश्लेषकों का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 के अंत तक टीएमएल का ऋण घटकर 23 हजार करोड़ बच जाएगा।
टाटा टेक्नोलॉजीज में 9% हिस्सेदारी खरीदेगी
टीपीजी राइज क्लाइमेट सौदे की प्रमुख निवेशक है। टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक वाहन कारोबार की निवेशक टीपीजी, टाटा टेक्नोलॉजीज में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। जबकि, रतन टाटा एंडाउमेंट फंड (आरटीईएफ) शेष 0.9% हिस्सेदारी खरीद लेगी। इससे पहले टीपीजी राइज क्लाइमेट ने टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड में 1 अरब डॉलर का निवेश किया था। यह भारत में टीएमएल के इलेक्ट्रिक यात्री वाहन कारोबार में रणनीतिक भागीदार है। शेयर बाजारों को भेजी गई सूचना में बताया है कि सौदा 27 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा।
टीटीएल का मुनाफा 63 प्रतिशत बढ़ा
टीटीएल ने 25 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 4418 करोड़ राजस्व पाया। जबकि, टैक्स के बाद मुनाफा 63% बढ़कर 708 करोड़ रुपए हो गया। टीटीएल का आईपीओ जल्द आने की उम्मीद है। उसमें कंपनी टाटा मोटर्स, अल्फा टीसी होल्डिंग्स और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड आई द्वारा कंपनी की चुकता शेयर पूंजी का 23.6% बेचा जाएगा।
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