share Market Opening: सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के, बड़े शेयरों पर दिखा दबाव

Today share Market Opening: सप्ताह की शुरुआत घरेलू शेयर बाजार के लिए ठीक नहीं हुई। छुट्टियों से प्रभावित हफ्ते के पहले दिन सोमवार को बाजार ने गिरावट से कारोबार शुरू किया।
शेयर बाजार की ओपनिंग।
शेयर बाजार की ओपनिंग।रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सप्ताह की शुरुआत घरेलू शेयर बाजार के लिए ठीक नहीं हुई। छुट्टियों से प्रभावित हफ्ते के पहले दिन सोमवार को बाजार ने गिरावट से कारोबार शुरू किया। 11 दिनों से जारी बाजार की तेजी पर ब्रेक लग गया। बाजार खुलते ही गिर गया। सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर सेशन शुरू हुआ। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 155 अंक के नुकसान में गया। मिनटों में सेंसेक्स की गिरावट 255 अंक से अधिक हुई। यह 67600 अंक से नीचे पहुंच गया। निफ्टी 60 अंक लुढ़ककर 20130 के पास आ गया।

प्री-ओपन सेशन से ही नुकसान

प्री-ओपन सेशन में भी घरेलू बाजार नुकसान में थे। बीएसई सेंसेक्स 175 अंक नुकसान में 67700 अंक से नीचे था। निफ्टी 35 अंक से ज्यादा गिरा था। गिफ्ट निफ्टी के ट्रेंड ऐसी ही शुरुआत के संकेत दे रहे थे। गिफ्ट निफ्टी पर निफ्टी का वायदा नुकसान में था।

पिछले सप्ताह बनाए ये रिकॉर्ड

बाजार पर रिकॉर्ड उच्च स्तर का स्वाभावित दबाव दिख रहा है। पिछले हफ्ते के अंतिम दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 400 अंक से अधिक मजबूत होकर 67838.63 अंक पर बंद हुआ था। यह हाई क्लोजिंग है। सेंसेक्स 67927.23 अंक के नए ऑल-टाइम हाईलेवल पर था। निफ्टी 90 अंक मजबूत होकर नए रिकॉर्ड के साथ 20200 अंक के पास बंद हुआ। शुक्रवार को बाजार लगातार 11वें दिन मजबूत रहा था। पूरे सप्ताह सेंसेक्स 1239.72 अंक और निफ्टी 1.87 फीसदी मजबूत हुआ था। घरेलू बाजार में तीन सप्ताह से तेजी रिकॉर्ड हो रही थी।

शुरुआती कारोबार में बड़े शेयरों का हाल

आज शुरुआती कारोबार में बड़े शेयरों पर दबाव दिखा। आईटी शेयर बाजार खुलते लुढ़के थे। सेंसेक्स पर सबसे अधिक नुकसान में इंफोसिस के शेयर थे। भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा जैसे शेयर भी शुरुआती कारोबार में 1-1 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान पर थे। बाजार की दो सबसे बड़ी कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस के शेयर भी 0.60 प्रतिशत तक गिरे थे। दूसरी ओर महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील और पावरग्रिड जैसे शेयर बाजार को संभालने का प्रयास कर रहे थे। आज कारोबार में हाईलेवल पर बिकवाली और ग्लोबल फैक्टर प्रभावकारी हैं। अमेरिका में फेडरल रिजर्व ब्याज दर पर फैसला क्या लेता है, उस बात पर दुनिया भर के निवेशकों की निगाहें टिकी हैं।

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