सरकारी अनुदान और ओवरड्राफ्ट पर वेतन भुगतान के लिये निर्भर हुआ केरल का सड़क परिवहन निगम

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तिरुवनंतपुरम, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। कर्ज के बोझ तले दबा केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) अब कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिये राज्य सरकार के अनुदान और ओवरड्राफ्ट के भरोसे बैठा है। निगम केरल में धूमधाम से मनाये जाने वाले विशु और ईस्टर के त्योहार के दौरान भी कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सका। अब वह सोमवार को ओवरड्राफ्ट के पैसों से वेतन भुगतान की सोच रहा है। केएसआरटीसी ने पहले घोषणा की थी कि वह वेतन के कुछ हिस्से का भुगतान करेगा। परिवहन निगम को वेतन भुगतान के लिये प्रतिमाह 82 करोड़ रुपये की जरूरत होती है और इसीलिये उसने राज्य सरकार से 75 करोड़ रुपये की सहायता राशि मांगी। राज्य सरकार ने लेकिन 30 करोड़ रुपये ही आवंटित किये। ये रुपये भी अवकाश के कारण केएसआरटीसी के खाते में नहीं ट्रांसफर किये गये, जिससे कर्मचारियों के लिये त्योहार की खुशी नदारद रही। केएसआरटीसी प्रबंधन के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि प्रबंधन अब 42 करोड़ रुपये के ओवरड्राफ्ट से वेतन भुगतान करने की योजना बना रहा है। वेतन की शेष राशि सरकारी मदद से दी जायेगी। निगम अन्य 13 करोड़ रुपये के लिये दोबारा राज्य सरकार से मदद की गुहार लगायेगा। वेतन भुगतान न किये जाने को लेकर केएसआरटीसी के ट्रेड यूनियनों ने राज्य परिवहन मंत्री एंटनी राजू और निगम के प्रबंध निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की ट्रेड यूनियन सीटू, भाकपा की ट्रेड यूनियन एआईटीयूसी और कांग्रेस समर्थित ट्रेड यूनियन इंटक तीनों परिवहन मंत्री के खिलाफ खड़ी है जबकि ये राजनीतिक पार्टियां केरल सरकार में शामिल हैं। इंटक सोमवार से अनिश्चिकालीन हड़ताल का आयोजन कर रही है। पिछले कई दशक से केएसआरटीसी केरल सरकार के लिये भारी-भरकम खर्च का सबब बना हुआ है। प्रसिद्ध प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ सुशील खन्ना ने निगम के संबंध में अपनी शोध रिपोर्ट प्रबंधन और राज्य सरकार को सौंपी थी। खन्ना का कहना है कि निगम में मध्यम स्तर के प्रबंधन को हटाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम के द्वारा प्रदत सेवाओं की तुलना में उसके कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है। --आईएएनएस एकेएस/एसकेपी

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