नई दिल्ली, रफ्तार। आम लोगों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नए साल का तोहफा दिया है। नए साल में होम एवं कार लोन की ईएमआई में इजाफा नहीं होगा। रिजर्व बैंक ने तीन दिनों तक चली मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में लिए निर्णय का ऐलान किया। आरबीआई गवर्नर ने 5वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है आरबीआई ने लोगों को होम एवं कार लोन की ईएमआई पर राहत दे दी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने पॉलिसी रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर नहीं बदलने का निर्णय लिया है। वहीं, स्थायी जमा सुविधा दर 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 6.75 प्रतिशत पर रहेगी।
रेपो रेट 6.50 प्रतिशत
आरबीआई के इस निर्णय से रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। इसमें तेजी दिखेगी। फिलहाल रेपो रेट 6.50 प्रतिशत है। आखिरी बार आरबीआई एमपीसी ने फरवरी 2023 में ब्याज दर बदले थे। तब से इस स्टेट को बरकरार रखा है। खास बात है कि यह मीटिंग कैलेंडर ईयर की आखिरी मीटिंग थी।
मई 2022 से ब्याज दरों में वृद्धि की हुई थी घोषणा
आरबीआई ने मई 2022 से ब्याज दरों में इजाफे की घोषणा की थी। उस समय अचानक 0.40 प्रतिशत का इजाफा हुआ। उसके बाद से इस साल फरवरी तक इजाफा दिखा। इस कारण रेपो रेट 2.50 प्रतिशत का इजाफा दिखा और रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर आया। जानकार बताते हैं कि आम लोगों को ब्याज दरों में कटौती के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है। हाल में एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट में भी बताया गया है कि आरबीआई जून 2024 तक ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने जा रही। उसके बाद ईएमआई में राहत मिलने की संभावना है।
चालू वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7% रहने के आसार
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाया है। उन्होंने कहा-चालू वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत हो सकती है। तीसरी तिमाही में 6.5 फीसदी और चौथी तिमाही में यह ग्रोथ 6 प्रतिशत रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.7 प्रतिशत अनुमानित है। दूसरी तिमाही के लिए यह ग्रोथ 6.5 प्रतिशत और तीसरी तिमाही के लिए 6.4 प्रतिशत रहने के आसार हैं।
दुनिया में सबसे अधिक ग्रोथ वाला देश
मौजूदा समय में दुनिया में सबसे तेज इकोनॉमिक ग्रोथ वाला देश भारत है। दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 7 फीसदी से ज्यादा रही थी, जिसका अनुमान किसी ने नहीं लगाया था। इसके बाद फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने अनुमान में संशोधन किया है। मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी पर लेकर आ गए हैं, जो पहले 6.5 प्रतिशत या उससे कम था। आरबीआई ने पिछली मीटिंग में जीडीपी का अनुमान 6.5 प्रतिशत लगाया था।
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