
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई जारी है, लेकिन ब्याज दरों में बदलाव हमारे नियंत्रण में नहीं है। इस तरह का निर्णय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। इसके लिए भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर बनी हुई है।
महंगाई को लेकर संघर्ष जारी
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की 2023 की वार्षिक बैठक में बोलते हुए कहा है कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई जारी है। उन्होंने कहा कि दर वृद्धि को रोकना उनके वश में नहीं है, यह स्थानीय स्थिति पर निर्भर करता है।
बैंकिग प्रणाली हुई मजबूत
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
खुदरा व्यापार में दिखेगी गिरावट
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि मई में महंगाई दर अप्रैल के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अगले साल खुदरा महंगाई दर 4.7 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान है। अप्रैल में सीपीआई आधारित महंगाई दर 4.7 फीसदी थी।
रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी
दास ने कहा कि देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था को पूरा सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक अपने पिछले अनुभव के आधार पर केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की संरचना को परिष्कृत करना जारी रखता है। आरबीआई ने अप्रैल में अपनी प्रमुख रेपो दर को 6.5% पर रखकर सभी को चौंका दिया। बता दें कि मई 2022 से आरबीआई ने रेपो रेट में ढाई फीसदी की बढ़ोतरी की है।
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