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रेलवे ने रनिंग स्टाफ पर लगाई लगाम, अब रनिंग रूम में ही रहना होगा

नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। रेलवे ने रनिंग स्टाफ (लोको पायलट और गार्ड) पर लगाम लगाई है। अब गंतव्य पर जाने के बाद ट्रेन से उतरने और ट्रेन वापस ले जाने के बीच स्टाफ को रनिंग रूम में रहना होगा। बाहर खरीददारी या भोजन करने जाने की अनुमति नहीं होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के नए आदेश के अनुसार, रनिंग स्टाफ के रनिंग रूम से बाहर जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। नई व्यवस्था के तहत प्रवेश के बाद रनिंग स्टाफ को वापस ट्रेन ले जाने के लिए ही रनिंग रूम से निकलने की अनुमति होगी। बीच में उन्हें निर्धारित समय तक रनिंग रूम में ही विश्राम करना होगा। खाने पीने या अन्य वस्तु की खरीददारी के लिए भी वे बाहर नहीं जा सकेंगे। प्रथम चरण में रेलवे ने गोरखपुर, गोंडा, चारबाग, सीतापुर और मैलानी स्थित रनिंग रूम में यह व्यवस्था लागू कर दी है। इन मंडलों में रनिंग रूम में ही स्टाफ को भोजन उपलब्ध कराना होगा। हालंकि विशेष परिस्थिति में रनिंग रूम से बाहर जाने के लिए रनिंग रूम प्रभारी से लिखित अनुमति लेनी होगी। रेलवे प्रशासन की ओर से ये कदम इसलिए उठाया गया है कि ट्रेन के परिचालन में किसी तरीके की समस्या ना आए, खासतौर पर रनिंग स्टाफ की ओर से। रेलवे ने रनिंग स्टाफ के भरपूर विश्राम को सुनिश्चित करते हुए ये तय किया है, जिससे रास्ते में उन्हें झपकी न आए। रेलवे प्रशासन के मुताबिक रनिंग रूम में रनिंग स्टाफ ऑन डयूटी होते हैं। उनके लिए रनिंग रूम में ही चाय, नाश्ता और भोजन की व्यवस्था रहती है। नियम के तहत उन्हें बाहर जाने से रोकने के साथ पूरा विश्राम करने के लिए निर्देशित किया गया है। वहीं दूसरी ओर इसपर रेलवे के कर्मचारी संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनका आरोप है कि रनिंग रूम में गुणवत्तायुक्त नाश्ता और भोजन नहीं मिलता है। कई बार स्टाफ को रनिंग रूम में 10 से 12 घंटे तक रुकना पड़ जाता है। --आईएएनएस पीटीके/एसकेपी

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