नई दिल्ली, रफ्तार। चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो और कुछ अन्य पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन जांच के सिलसिले में आरोप पत्र दाखिल किया है। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत बुधवार को यहां विशेष अदालत के समक्ष शिकायत दायर की है। मामले में गिरफ्तार लोगों के अलावा वीवो-इंडिया भी आरोपी है।
कुछ लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
संघीय जांच एजेंसी ने जांच में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) हरिओम राय समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। हिरासत में लिए गए दूसरे लोगों में चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक शामिल थे। ईडी ने तब यहां स्थानीय अदालत के समक्ष रिमांड दस्तावेज में दावा किया था कि चारों की कथित गतिविधियों ने वीवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में मदद की, जो भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक था। जुलाई 2022 में ईडी ने वीवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों के विरुद्ध छापेमारी की थी। उसमें चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े, एक बड़े धन शोधन रैकेट का भंडाफोड़ का दावा किया गया था।
62476 करोड़ रुपए हस्तांतरित करने का आरोप
ईडी ने आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने को वीवो-इंडिया ने 62476 करोड़ रुपए अवैध रूप से चीन को हस्तांतरित की थी। कंपनी ने कहा था-वह दृढ़ता से अपने नैतिक सिद्धांतों का पालन करती है और कानून के अनुपालन के प्रति समर्पित है। हाल में राय ने यहां एक अदालत को बताया था कि उनकी कंपनी और वीवो-इंडिया एक दशक पहले भारत में संयुक्त उद्यम शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे थे] लेकिन 2014 बाद से उनका चीनी कंपनी या उसके प्रतिनिधियों से लेना-देना नहीं है।
‘नकली’ पहचान दस्तावेजों और ‘गलत’ पते के इस्तेमाल का भी आरोप
ईडी ने दावा किया कि वीवो की सहयोगी कंपनी ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल), इसके निदेशक, शेयरधारक और कुछ अन्य पेशेवर के खिलाफ दिसंबर 2022 में दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद तीन फरवरी को प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की, जो प्राथमिकी के समान होती है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि जीपीआईसीपीएल और उसके शेयरधारकों ने दिसंबर 2014 में कंपनी के गठन के समय ‘नकली’ पहचान दस्तावेजों और ‘गलत’ पते का इस्तेमाल किया था।
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