नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। एआईएस और फॉर्म 26एएस में विसंगति: चूंकि अधिकांश करदाताओं के लिए कर-फाइलिंग सीजन नियत तारीख के करीब आ रहा है, सोशल मीडिया पर कई करदाता अपने संबंधित वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और फॉर्म 26एएस में विसंगति के बारे में आयकर विभाग से शिकायत कर रहे हैं।
एफई पीएफ डेस्क ने कुछ टैक्स एक्सपर्ट्स से संपर्क किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि अगर टैक्सपेयर्स को इन डॉक्युमेंट्स में डेटा मिसमैच का पता चलता है तो उन्हें क्या करना चाहिए। यह जानने के लिए पढ़ें कि वे क्या सुझाव देते हैं। लेकिन पहले, आइए समझते हैं कि फॉर्म 26एएस और एआईएस द्वारा क्या उद्देश्य पूरा किया जाता है।
फॉर्म 26एएस में वित्त वर्ष के दौरान संपत्ति खरीद, उच्च मूल्य के निवेश और अन्य टीडीएस/टीसीएस से संबंधित लेनदेन का विवरण दिया गया है।
एआईएस में फॉर्म 26एएस में उल्लिखित कुछ निर्दिष्ट विवरणों के अलावा, बचत खाते के ब्याज, लाभांश, प्राप्त किराए, प्रतिभूतियों/ अचल संपत्तियों की खरीद और बिक्री लेनदेन, विदेशी प्रेषण आदि का विवरण शामिल है।
यदि आप आईटीआर दाखिल करते समय वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त कुछ आवश्यक आय की रिपोर्ट करने से चूक जाते हैं, तो एक उच्च संभावना है कि आपको आयकर विभाग से डिमांड नोटिस प्राप्त होगा। अन्य त्रुटियां जहां आप नोटिस प्राप्त कर सकते हैं, पैन या टैन विवरण में बेमेल या टीडीएस प्रविष्टियों का गायब होना हो सकता है। फिस्डम कंपनी टैक्स2विन के सीईओ और को-फाउंडर अभिषेक सोनी के मुताबिक, आईटीआर फाइल करने से पहले ऐनुअल इन्फर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) और फॉर्म 26एएस का जिक्र करना जरूरी है।
आरएसएम इंडिया के संस्थापक डॉ. सुरेश सुराना का भी कहना है कि प्रत्येक करदाता को अपना रिटर्न दाखिल करने से पहले एआईएस और फॉर्म 26एएस में उल्लिखित विवरणों को ध्यान में रखना चाहिए।
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