Loan Costly: महंगा हुआ लोन, MCLR अधिक होने पर ग्राहकों पर बढ़ेगा EMI का बोझ

Loan interest Update: बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों को एक और झटका लगा है। बैंकों ने ग्राहकों को यह झटका दिया है। दो और प्रमुख बैंकों ने लोन के ब्याज दर में इजाफा किया है।
आईसीआईसीआई बैंक।
आईसीआईसीआई बैंक।सोशल मीडिया।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों को एक और झटका लगा है। बैंकों ने ग्राहकों को यह झटका दिया है। दो और प्रमुख बैंकों ने लोन के ब्याज दर में इजाफा किया है। आईसीआईसीआई (ICICI Bank) और पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा कर दिया है। दोनों बैंक ने अपने एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की है। बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक नई दरें 1 सितंबर से लागू हो गईं हैं।

इन लोन पर सीधा प्रभाव

एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी के बाद बैंक के उन ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्होंने पहले या भविष्य में कार लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन, होम लोन लेने की योजना बनाई है। बता दें MCLR का सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है।

ICICI बैंक की नई दरें जानें

देश के बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक आईसीआईसीआई ने करोड़ों ग्राहकों तो झटका देकर अपनी MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर दी है। इस इजाफे के बाद बैंक ओवरनाइट MCLR 8.40 प्रतिशत से बढ़कर 8.45 प्रतिशत हो चुका है। एक महीने का MCLR 8.45 प्रतिशत, तीन माह का MCLR 8.50 प्रतिशत, 6 महीने का MCLR 8.85 प्रतिशत और एक साल की अवधि का MCLR 8.90 प्रतिशत की वृद्धि के बाद 8.95 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

PNB की नई दरें जानें

देश के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भी अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में 5 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी के बाद बैंक की ओवरनाइट MCLR 8.10 प्रतिशत से बढ़कर 8.15 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वहीं, एक माह का MCLR 8.20 प्रतिशत से बढ़ने के बाद 8.25 प्रतिशत और तीन माह का MCLR 8.30 प्रतिशत से बढ़कर 8.35 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

MCLR क्या होता है

मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट एक तय उधार दर होती है। इसके आधार पर बैंक अपनी कार लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन आदि की ब्याज दर को निर्धारित करते हैं। यह वह न्यूनतम दर है, जिससे नीचे बैंक ग्राहकों को लोन ऑफर नहीं कर सकते। अगर, बैंक एमसीएलआर की दरों में बदलाव करता है तो उसका असर उसके ग्राहकों की लोन की ब्याज दर और ईएमआई पर पड़ता है। ज्यादा MCLR होने पर ईएमआई का बोझ ग्राहकों पर बढ़ जाएगा।

अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें :- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in