नई दिल्ली, रफ्तार। बैंकों की तरह आप भी ब्याज से मोटी रकम आ सकते हैं। जरूरतमंद लोगों को पैसे देकर पैसा वसूलने का काम देश में काफी पुराना है। अब भी लोग यह काम कर रहे हैं, लेकिन इसमें जोखिम भी है। ऐसे में आपको इससे जुड़े नियम और कानून की जानकारी जरूर होनी चाहिए।
मनी लैंडिंग एक्ट क्या है?
ब्याज पर पैसे देने को मनी लैंडिंग एक्ट के तहत आपके पास लाइसेंस होना अनिवार्य है। बिना लाइसेंस के ब्याज पर पैसा देना गैरकानूनी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से बैंकों और एनबीएफसी को बैंकिंग लाइसेंस मिलता है, जबकि आम आदमी को जिला स्तर पर साहूकारी अधिनियम के तहत लाइसेंस दिया जाता है।
बिना लाइसेंस के ब्याज पर पैसे देना गैरकानूनी
टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन ने बताया कि मनी लैंडिंग मतलब ब्याज पर पैसा उधार देने का काम शुरू करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य है। बिना लाइसेंस के पैसे ब्याज पर देना गैरकानूनी है। लाइसेंस में दिए गए निर्देशों के तहत कर्ज पर ब्याज वसूला जाता है। निर्धारित दर से अधिक ब्याज लेना गैरकानूनी होती है।
कैसे लें लाइसेंस
ब्याज पर पैसे बांटने के लिए मनी लेंडिंग एक्ट मतलब साहूकारी अधिनियम के तहत सरकारी संस्था से लाइसेंस लेना जरूरी है। अलग-अलग राज्यों में साहूकार कानून है। आप जिला स्तर पर प्राधिकृत सरकारी संस्था से लाइसेंस लेकर ब्याज पर पैसे दे सकते हैं।
इन कार्यालयों से ले सकते हैं लाइसेंस
आप राजस्व विभाग, नगर पालिका, स्थानीय स्तर पर सरकार द्वारा अधिकृत संस्था से साहूकारी का लाइसेंस ले सकते हैं। इसके बाद हर साल व्यक्ति को ब्याज पर रकम बांटने का लेखा-जोखा संबंधित संस्था को देना पड़ता है।
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