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दूसरे लॉकडाउन में मिले 45 करोड़ के सरकारी ऑर्डर से खादी कारीगरों को मिली राहत

नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। इस साल मार्च से मई के बीच लॉकडाउन के कारण मैन्युफैक्च रिंग और सर्विस सेक्टर को भारी झटका लगने के बावजूद खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को 45 करोड़ रुपये से ज्यादा के खरीद ऑर्डर मिले हैं, जिससे लाखों खादी कारीगरों को आजीविका में मदद मिलेगी। यह खरीद ऑर्डर जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारतीय रेल और एयर इंडिया से आए हैं। जनजातीय छात्रों के लिए 6.38 लाख मीटर पॉली खादी कपड़े की खरीद के लिए केवीआईसी और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के बीच एमओयू को अप्रैल 2021 में बढ़ा दिया गया है। कपड़े के ऑर्डर को बढ़ाकर 8.46 लाख मीटर कर दिया गया है जिसकी कीमत 20.60 करोड़ रुपये है। यह ऑर्डर उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा के कई खादी संस्थानों में वितरित किया गया है। इस साल जून तक सामग्री की आपूर्ति कर दी जाएगी। इसी तरह, रेल मंत्रालय ने अप्रैल से मई के बीच केवीआईसी को 19.50 करोड़ रुपये के खरीद ऑर्डर दिए हैं। इससे देशभर में 100 से अधिक खादी संस्थानों के साथ पंजीकृत कारीगरों को सीधे लाभ होगा जो विशेष सामग्री जैसे बिछाने के कपड़े, तौलिए, चादरें, फ्लैग बैनर, स्पंज कपड़े, दोसूती कॉटन खादी और बंटिंग कपड़े आदि के उत्पादन में लगे हुए हैं। इस सामग्री की सप्लाई जून और जुलाई 2021 के बीच की जाएगी। भारत का राष्ट्रीय विमान वाहक एयर इंडिया भी अपने एग्जिक्यूटिव और बिजनेस क्लास के अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए 4.19 करोड़ रुपये की लागत वाली 1.10 लाख सुविधा किट खरीदेगा। अप्रैल के महीने में जारी ताजा सप्लाई ऑर्डर एविएशन क्षेत्र, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय परिचालन से आया है। कोविड-19 महामारी से हुए नुकसान के बावजूद यह ऑर्डर केवीआईसी को मिले हैं। खादी सुविधा किट में प्रीमियम हर्बल कॉस्मेटिक उत्पाद शामिल हैं जैसे खादी हैंड सैनिटाइजर, खादी मॉइस्चराइजि़ंग लोशन, खादी लेमनग्रास ऑयल, खादी हैंडमेड साबुन, खादी लिप बाम, खादी गुलाब फेस वॉश, एसेंशियल ऑयल आदि। ये उत्पाद छोटे ग्राम उद्योग इकाइयों द्वारा निर्मित होते हैं। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के इस कठिन समय में इतने बड़े ऑर्डर केवीआईसी के कारीगरों के लिए अधिकतम रोजगार पैदा करने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के प्रयासों को बढ़ावा देंगे। --आईएनएस एनएनएम/एसजीके

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