एक अप्रैल से बदलेंगे Insurance से जुड़े Rule, इरडा की नई गाइडलाइन जानें

Insurance Charges: एक अप्रैल से पॉलिसी सरेंडर चार्ज के नियमों में बदलाव होगा। इसको लेकर इरडा ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
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नई दिल्ली, रफ्तार। बीमा सेक्टर में कई बदलाव किए गए हैं। बीमा नियामक इरडा ने कई नए रेगुलेशंस को नोटिफाई किया है। नोटिफाई किए गए रेगुलेशंस में पॉलिसी सरेंडर चार्ज से जुड़े नियम भी हैं। इरडा ने एक बयान में नए रेगुलेशंस को नोटिफाई करने से जुड़ी जानकारी दी। बताया कि इरडा (इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स) रेगुलेशंस 2024 में छह रेगुलेशंस को यूनिफाइड फ्रेमवर्क में मर्ज किया गया है।

इंश्योरेंस की पहुंच में विस्तार उद्देश्य

बीमा नियामक ने कहा कि विभिन्न रेगुलेशंस को मर्ज करने का उद्देश्य बीमा कंपनियों को बाजार की तेजी से बदलती मांग को पूरा करने में सक्षम बनाना है। उनका कारोबार आसान बनाना और इंश्योरेंस की पहुंच में विस्तार लाना है।

1 अप्रैल से लागू होंगे बदलाव

इरडा द्वारा किए गए ये बदलाव 1 अप्रैल यानी नए वित्त वर्ष से लागू होंगे। 31 मार्च को चालू वित्त वर्ष 2023-24 समाप्त हो रहा है। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2024-25 शुरू होगा। इरडा की मानें तो नए नियमों के लागू होने से सुनिश्चित होगा कि बीमा कंपनियां मैनेजमेंट की बेहतर प्रथाओं का पालन करें।

सरेंडर वैल्यू बढ़ेगी

नए रेगुलेशंस के तहत एक प्रमुख बदलाव पॉलिसी सरेंडर पर लगने वाले चार्ज को लेकर है। कोई बीमाधारक मैच्योरिटी की तारीख से पहले बीमा पॉलिसी बंद कराता है तो बीमा कंपनियां उसके लिए चार्ज वसूल करती हैं, जिसे पॉलिसी सरेंडर चार्ज कहते हैं। इरडा के अनुसार अब कोई बीमाधारक चौथे से सातवें साल में पॉलिसी को सरेंडर करता है तो सरेंडर वैल्यू कुछ बढ़ सकती है।

इसी महीने हुई थी अहम बैठक

इरडा ने इसी महीने विभिन्न रेगुलेशंस को मर्ज करने की मंजूरी दी थी। इरडा ने 19 मार्च को बैठक की आयोजित की थी। उसमें आठ सिद्धांतों पर आधारित कंसोलिडेटेड रेगुलेशंस को मंजूर किया गया था। उससे पहले नियामक ने बीमा सेक्टर के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की समीक्षा की थी, जिसके बाद बदलाव हुए।

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