नई दिल्ली, रफ्तार। दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार भारत बन चुका है। मार्केट कैप के आधार पर भारत को यह उपलब्धि हासिल हुई है। भारत ने हांगकांग को पछाड़ कर यह खिताब अपने नाम किया है। भारत शेयर बाजार के हिसाब से अब सुपर पावर बन चुका है। यह अब अमेरिका, चीन और जापान से पीछे है। अमेरिका के शेयर बाजार का टोटल मार्केट कैप 51 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच चुका है। अमेरिका में एप्पल का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ डॉलर है। माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप 2.95 लाख करोड़ डॉलर है। भारत के शेयर बाजार में 5 हजार कंपनियां लिस्टेड हैं। इसके मार्केट कैप को एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर चुनौती दे रही है। अमेरिका के शेयर बाजार की दो टेक कंपनियों का मार्केट कैप 6 लाख करोड़ डॉलर पर है।
भारत के शेयर बाजार में 5 हजार से अधिक कंपनियां लिस्टेड
भारत के शेयर बाजार में 5 हजार से अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं। दलाल स्ट्रीट का मार्केट कैप 4.33 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच चुका है। दुनिया की दो सबसे वैल्युएबल कंपनियां एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट हैं। इसके बाद सऊदी अरामको का नंबर आता है, जिसका मार्केट कैप 2 लाख करोड़ डॉलर है। अगर, दुनिया के इक्विटी मैप पर नजर डालें तो अल्फाबेट 1.8 लाख करोड़ डॉलर, अमेजॉन 1.6 अरब डॉलर और एनवीडीया 1.5 लाख करोड़ डॉलर का मार्केट कैप रखता है।
रिलायंस इंडस्ट्री का भारत में सबसे अधिक मार्केट कैप
भारत में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे बड़ी कंपनी है। इस कंपनी का मार्केट कैप 222 अरब डॉलर है। दूसरे नंबर पर एचडीएफसी बैंक हैं, जिसका मार्केट कैप 142 अरब डॉलर है। दुनिया की सबसे अधिक मार्केट कैप वाली कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 47वें नंबर और एचडीएफसी बैंक 88वें नंबर पर है।
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