Budget 2024 का हलवा तैयार, जानें आपके जीवन में कितनी आएगी मिठास

Budget 2024 Analysis: बजट 2024 का हलवा तैयार हो चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अन्य मंत्री एवं अधिकारी हलवा का स्वाद भी चख चुके हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को हलवा सेरेमनी पूरी करतीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को हलवा सेरेमनी पूरी करतीं।@PIB_Patna एक्स सोशल मीडिया।

नई दिल्ली, रफ्तार। बजट 2024 का हलवा तैयार हो चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अन्य मंत्री एवं अधिकारी हलवा का स्वाद भी चख चुके हैं। पिछले दो हफ्तों से इस अंतरिम बजट को लेकर कई तरह की कयासें लगाई जा रहीं हैं। ऐसे में हम बता रहे हैं कि 1 फरवरी को पेश होने वाले इस बजट में क्या राहत मिलने की उम्मीद और किन छूट की मांग की जा रही है।

हेल्थ पॉलिसी पर टैक्स बेनिफिट बढ़ाने की संभावना

विशेषज्ञों बताते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में हेल्थ पॉलिसी पर टैक्स बेनिफिट बढ़ा सकती हैं। कुछ वर्षों में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी महंगी हुई है। इसकी वजह कोरोना महामारी है। कोरोना संक्रमण बाद हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने प्रीमियम की रकम बढ़ा दी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि लोकसभा चुनाव के कारण सरकार द्वारा टैक्स पेयर्सस को राहत दी जा सकती है। 2019 के बजट में टैक्स पेयर को काफी राहत मिली थी।

टैक्स बचाने वाले निवेश की लिमिट बढ़ाने की मांग

आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचाने वाले निवेश की अधिकतम सीमा 1.5 लाख है। यह 10 साल पहले बढ़ाई गई थी। इस लिमिट में बच्चों की स्कूल फीस 1.5 लाख की शामिल है। इस लिमिट को बढ़ाकर अब 2.5 लाख करने की मांग की जा रही है। बच्चों की शिक्षा पर होने वाले खर्च में बेतहाशा बढ़ोतरी के मद्देनजर उस पर हेल्थ इंश्योरेंस की तरह अलग से डिडक्शन देने की भी मांग हो रही है।

होम लोन के ब्याज पर डिडक्शन बढ़ाने की मांग

होम लोन के ब्याज पर मिलने वाले इनकम टैक्स डिडक्शन पर वार्षिक 2 लाख की लिमिट लगी है। यह 2014 के बाद से नहीं बदली गई है। इन 10 वर्षों में घरों की कीमतें काफी बढ़ी हैं। इस लिमिट को ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने और नाकाफी बनाया है। ऐसे में इस लिमिट को बढ़ाकर 4 लाख रुपए किए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।

आयकर स्लैब और रेट में बदलाव

पुरानी टैक्स रिजीम वाले इनकम टैक्स के स्लैब और रेट में साल 2014 के बाद से बदलाव नहीं किया गया है। वैसे इन 10 वर्षों में तमाम जरूरी चीजों की लागत काफी बढ़ी है। इन जरूरी चीजों में फूड आइटम्स से दवाएं, बिजली, ट्रांसपोर्ट, कर्ज की लागत तक शामिल हैं। इस कारण टैक्स पेयर्सस टैक्स के स्लैब और रेट में राहत की उम्मीद कर रहे हैं।

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