GO First से विमान वापस लेने पर NCLAT करेगा सुनवाई

आर्थिक तंगी से गुजर रहा गो फर्स्ट पर आज विमान वापस लेने पर सुनवाई होने जा रही है। एयरक्राफ्ट को लीज पर देने वाली कंपनियों ने विमान वापस लेने के लिए NCLAT को याचिक दायर की है।
GO First से विमान वापस लेने पर NCLAT करेगा सुनवाई

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा गो फर्स्ट पर सोमवार को सुनवाई होने जा रही है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल आज लीज पर एयरक्राफ्ट देने वाली कंपनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने जा रही है। रिपोर्ट की माने को गो फर्स्ट पर 6500 करोड़ का आर्थिक कर्ज है। कंपनी को आर्थिक बोझ से निकालने के लिए केंद्र सरकार ने भी मदद का भरोसा दिया है। इस मामले में पिछली सुनवाई 12 मई को हुई थी। गो फर्स्ट ने 12 मई तक के सारी फ्लाइट कैसिंल कर दी थी।

पट्टे को समाप्त कर दिया था

एसएमबीसी ने कहा कि एनसीएलटी द्वारा एयरलाइन की स्वैच्छिक दिवालियापन फाइलिंग को स्वीकार करने से पहले ही उन्होंने पट्टे को समाप्त कर दिया था। एसएमबीसी ने कहा है कि गो फर्स्ट के पास इन विमानों का अधिकार नहीं है। GoFirst ने अपनी पसंद के एक रखरखाव विशेषज्ञ को काम पर रखा है और अब वे उस विमान को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं जो उनके पास नहीं है।

गो फर्स्ट की स्वैच्छिक दिवालियापन फाइलिंग का विरोध

एसएमबीसी एविएशन दुनिया की सबसे बड़ी लीजिंग कंपनियों में से एक है। इसे पहले आरबीएस एविएशन कैपिटल के नाम से जाना जाता था। SMBC, नर्मदा एविएशन लीजिंग, यमुना एविएशन लीजिंग, GAL MSN और GY एविएशन लीज सहित अन्य पट्टेदारों के साथ, पिछले सप्ताह NCLT की सुनवाई में GoFirst की स्वैच्छिक दिवालियापन फाइलिंग का विरोध किया।

आईआरपी द्वारा नियुक्त अभिलाष लाल

न्यायाधीश रामालिंगम सुधाकर और एलएन गुप्ता के दो सदस्यीय पैनल ने अभिलाष लाल को अंतरिम विवाद समाधान विशेषज्ञ (आईआरपी) के रूप में नियुक्त किया है, जो कर्ज से लदी GoFirst का नेतृत्व करेगा। वह एयरलाइन को पुनर्जीवित करने के लिए नियंत्रण संभालेंगे। निलंबित GoFirst निदेशक मंडल को आवर्ती खर्चों के लिए 5 करोड़ रुपये का योगदान देना भी आवश्यक है।

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