
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सुरक्षित निवेश के विकल्पों में फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit- FD) सबसे लोकप्रिय है। बैंक एफडी पर तय ब्याज के हिसाब से रिटर्न देते हैं। इसमें पूरे टेन्यारे के दौरान बदलाव कर सकते हैं। इनमें बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता है। मतलब निवेश करने वालों को गारंटी रिटर्न मिलता है। कई बार ऐसा होता है कि अचानक से इमरजेंसी पड़ने पर हमें एफडी मैच्योरिटी के पहले तोड़नी पड़ती है। उसका असर रिटर्न पर पड़ता है। एफडी को बीच में ब्रेक करने पर कुछ पेनल्टी भरनी पड़ती है। ऐसे में हम एफडी लैडरिंग टेक्निक का सहारा ले सकते हैं। उसके जरिए एफडी पर मैक्सिमम रिटर्न हासिल कर सकते हैं। वो भी बिना ब्रेक किए।
सभी भविष्य को सुरक्षित करने और सपनों को पाने के लिए समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग करने के महत्व को समझते हैं। हाल में एक समझदारी की बात लोकप्रिय हुई है, वह है एफडी लैडरिंग। एफडी लैडरिंग एक निवेश रणनीति है, जिसमें निवेश को अलग-अलग मैच्योरिटी डेट के साथ कई एफडी योजनाओं में डिवाइड किया जाता है।
इसका फायदा है कि आपको बीच में पैसे की जरूरत पड़ी तो एफडी तोड़नी नहीं पड़ेगी। पैसों की जरूरत नहीं हो तो जैसे-जैसे अलग-अलग टेन्योर की एफडी मैच्योर हो, वैसे-वैसे उसे फिर अलग-अलग मैच्योरिटी अवधि वाली एफडी में लॉक कर सकते हैं। लंबी अवधि में एफडी की बढ़ी सीरीजल होगी। आपके लिए अच्छा-खासा फंड तैयार हो जाएगा। एक यह भी फायदा है कि समय-समय पर आकलन कीजिए कि कहां एफडी पर रिटर्न बढ़ रहा है। मैच्योरिटी पूरी होने के बाद विकल्प होगा।
FD लैडरिंग का बहुत बड़ा फायदा है। जैसे-जैसे आपकी एफडी मैच्योर होगी, हर साल यानी रिटर्न मिलता रहेगा। मैच्योरिटी पूरे होने पर पैसों का काम हैं तो इस्तेमाल करें और बचे पैसों को फिर एफडी करें।
1. हाई इंटरेस्ट अर्निंग
2. ब्याज दर घटने-बढ़ने के टेंशन से निजात
3. बिना नुकसान के लिक्विडिटी
4. फ्लेक्सिबिलिटी
5. रिस्क मैनेजमेंट
6. लांग टर्म में निवेश के लक्ष्य पूरा करने के लिए
7. टैक्स सेविंग के लिए
1. लिक्विडिटी की जरूरत
2. इंटरेस्ट रेट कहां ज्यादा
3. अर्ली विदड्रॉ पर पेनल्टी
4. टैक्स के नियम
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