Paytm Crisis: पेटीएम का टेंशन भूलें, दूसरे ऐप से करें पैसों की लेन-देन, जानें CAIT ने क्यों दी सलाह

Paytm Crisis Live: पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद यूजर्स में असमंजस में हैं। कंपनी लगातार दावे कर रही है कि उसकी सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन हर दिन कंपनी की मुश्किलें भी बढ़ती जा रहीं हैं।
पेटीएम।
पेटीएम। पेटीएम सोशल मीडिया अकाउंट।

नई दिल्ली, रफ्तार। पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद यूजर्स में असमंजस में हैं। कंपनी लगातार दावे कर रही है कि उसकी सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन हर दिन कंपनी की मुश्किलें भी बढ़ती जा रहीं हैं। इसे देखते हुए व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि कारोबारी बिजनेस से जुड़े लेन-देन के लिए पेटीएम का नहीं, अन्य प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें। पेटीएम वॉलेट और उसकी बैंकिंग सर्विस पर आरबीआई के बैन के बाद सीएमआईटी ने यह बयान जारी किया है।

पैसों की सुरक्षा के लिए दूसरे प्लेटफॉर्म पर करें शिफ्ट

संगठन ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा पेटीएम पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर व्यापारियों को अपने पैसे की सुरक्षा के लिए अन्य प्लेटफॉर्म्स पर शिफ्ट करना चाहिए। कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि बड़ी संख्या में छोटे-बड़े व्यापारी, विक्रेता, हॉकर समेत अन्य पेटीएम से पैसों का लेन-देन कर रहे हैं। आरबीआई द्वारा की गई कार्रवाई से इन्हें फाइनेंशियल दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में पेटीएम की जगह किसी और प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट होना उचित रहेगा।

29 फरवरी से आदेश होगा प्रभावी

पेटीएम की बैंकिंग शाखा पेटीएम पेमेंट बैंक की सेवाओं पर रिजर्व बैंक ने बैन लगाने का आदेश जारी किया है। यह आदेश 29 फरवरी से प्रभावी होगा। इसके बाद पेटीएम पेमेंट बैंक न तो नए ग्राहक जोड़ सकेगा। न पीपीबीएल को इस तय तारीख के बाद किसी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में डिपॉजिट या टॉप-अप स्वीकारने का अधिकार नहीं रहेगा। आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट-1949 के सेक्शन 35A के तहत किया है। रिजर्व बैंक ने 15 मार्च तक पेटीएम को नोडल अकाउंट सेटल करने के लिए आदेशित किया है।

कंपनी का मार्केट कैप घटकर 27850 करोड़ रुपए

आरबीआई द्वारा लगाए गए बैन के बाद से पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन के शेयरों का बुरा हाल है। इसमें लगाातर लोअर सर्किट लग रहा। गुरुवार से गिरावट जारी है। शेयरों में गिरावट की वजह से कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी घटकर 27850 करोड़ रुपए रह गया है।

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