जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक में वित्त मंत्री देवड़ा ने की कई मुद्दों पर चर्चा

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-मेडिकल ऑक्सीजन और संबंधित उपकरणों पर जीएसटी 12 से पांच प्रतिशत करने का सुझाव -कैपेसिटी आधारित टेक्सेशन को गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की समिति में देवड़ा सदस्य नामांकित भोपाल, 28 मई (हि.स.)। वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने केन्द्र सरकार से मेडिकल आक्सीजन और संबंधित उपकरणों को जीएसटी से छूट देने या जीएसटी कम करने पर विचार करने का सुझाव दिया है ताकि इस क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग मिल सके। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सुझाव को मान्य करते हुए इन वस्तुओं पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत के स्थान पर पांच प्रतिशत करने के प्रस्ताव को ऐजेंडा में शामिल करने लिये मुख्यमंत्री की ओर से केन्द्रीय वित्त मंत्री और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक में मध्यप्रदेश के हित में महत्वपूर्ण मुददों पर चर्चा की और कोविड-19 से उपजी स्थिति से अवगत कराया। बैठक में केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन, केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री अनुराग ठाकुर उपस्थित थे। देवड़ा ने ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की अनुशंसाओं का हवाला दिया। मंत्री जगदीश देवड़ा ने कैपेसिटी आधारित टेक्सेशन के लिये गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की समिति में सदस्य नामांकित करने के लिये भी केन्द्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया। यह समिति पान मसाला, गुटका, रेत माइनिंग आदि को कंपोजिशन सुविधा देने, केसीनो, आनलाइन गेमिंग, रेसकोर्स आदि सेवाओं के मूल्यांकन से जुड़े मुददों पर विचार करेगी। उन्होंने केन्द्र की ओर से मध्यप्रदेश को कोविड 19 नियंत्रण में समय पर सहायता देने के लिये मुख्यमंत्री चौहान की ओर से आभार व्यक्त किया। श्री देवड़ा ने कई प्रकार की छूट देने संबंधी जारी किये गये आदेश और कर की दरों में कमी के आदेश प्रभावशील होने की नियत तिथि को रखते हुए एक समान होकर 30 सितम्बर नियत करने का अनुरोध किया। देवड़ा ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के अंतर्गत 2020-21 में मध्यप्रदेश को पाँच हजार 293 करोड़ 23 लाख की राशि मिली। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा फंड उपलबध कराने के लिये बैक-टू-बैक लोन सुविधा के अंतर्गत 4 हजार 543 करोड़ की राशि मिली। इस प्रकार 2020-21 में कुल 9 हजार 836 करोड़ मिले। इसके लिये भी मुख्यमंत्री की ओर से देवड़ा ने केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया। इस दौरान देवड़ा ने यह भी कहा कि कोविड 19 महामारी के कारण राज्य के राजस्व पर प्रभाव पड़ेगा। इसलिये इस साल भी बैक टू बैक लोन सुविधा के माध्यम से जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि उपल्ब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री से बायोडिग्रेडेबल कैरी बैग पर जीएसटी की दर कम करने का आग्रह किया, ताकि इससे पर्यावरण प्रदूषण रोकने में मदद मिले। साथ ही यह स्वच्छ भारत अभियान को गति देने और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से उचित होगा। आम लोगों में इसके उपयोग का चलन बढेगा। उन्होने कहा कि जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से कम करने से इसके उपयोग को व्यापक बढावा मिलेगा। इसके अलावा मंत्री देवड़ा ने ईएनए (एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल) को जीएसटी दायरे में न रखकर वेट के दायरे में रखने का अनुरोध किया। जीएसटी काउंसिल ने इस बिन्दु पर कोई निर्णय न लिया जाकर आगामी बैठक के लिये स्थगित किया है। वहीं, उन्होंने पिछले तीन वर्षो की स्थिति की चर्चा करते हुए बताया कि 2018-19 में देश की जीएसटी राजस्व वृद्धि लगभग 5.98 प्रतिशत थी। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीएसटी राजस्व वृद्धि लगभग 3.80 प्रतिशत थी। मध्यप्रदेश की राजस्व स्थिति 2019-20 में ऋणात्मक थी। इसलिये जीएसटी राजस्व की वृद्धि दर 6 प्रतिशत से अधिक माना जाना उचित नहीं होगा। बैंक लोन से भुगतान के बाद भी राज्य का 2020-21 से संबंधित क्षतिपूर्ति दावा 3 हजार 966 करोड़ लंबित है। अत: 2021-22 मे राजस्व की संभावित वृद्धि दर 7 प्रतिशत के स्थान पर 6 प्रतिशत मान्य किया जाना उचित होगा। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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