Xiaomi: शाओमी को ED का नोटिस, 5551 करोड़ के गड़बड़ी का मामला, जानें कितना देना पड़ सकता है जुर्माना

चीनी कंपनी शाओमी पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्ट की मुताबिक शाओमी पर 5,551 करोड़ की गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक कानून प्रवर्तन एजेंसी और आर्थिक खुफिया एजेंसी है जो आर्थिक कानूनों को लागू करने और भारत में आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। बता दें कि इसने 5,551 करोड़ रुपये से अधिक के विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन के मामले में मोबाइल फोन निर्माता श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों और 3 बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

फेमा की धारा 16 के तहत कार्रवाई की गई

शाओमी के अधिकारियों में मुख्य वित्तीय अधिकारी और निदेशक समीर बी राव, पूर्व प्रबंध निदेशक मनु कुमार जैन और 3 बैंकों में सिटीबैंक, एचएसबीसी बैंक और डॉयचे बैंक शामिल हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम न्यायिक प्राधिकरण है जो फेमा की धारा 16 के तहत श्याओमी उसके अधिकारियों और 3 बैंकों को नोटिस जारी करता है।

तीन विदेशी बैंकों द्वारा जारी निर्देश

तीन विदेशी बैंक सिटी बैंक, एचएसबीसी बैंक और ड्यूश बैंक एजी- फेमा की धारा 10 (4), 10 (5) और आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन के कारण ये कार्रवाई की गई है।

क्या है FEMA

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा), भारत की संसद का एक अधिनियम है जो बाहरी व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाने और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने के लिए है। इसे 29 दिसंबर 1999 को संसद में पारित किया गया था। विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) की जगह था। यह अधिनियम विदेशी मुद्रा से संबंधित अपराधों को नागरिक अपराध बनाता है। यह फेरा की जगह पूरे भारत में फैला हुआ है। भारत सरकार की उदारीकरण समर्थक नीतियों के साथ असंगत हो गया था।

क्या है धारा-16 ?

धारा 16 - यदि कोई व्यक्ति विदेशी मुद्रा खरीदता है और उसका उपयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिए करता है जो इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन अनुमत नहीं है और अधिकृत व्यक्ति को एक विनिदष्ट समय के भीतर समर्पण कर देता है तो उसे अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा।

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