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ईसीजीसी का वित्त वर्ष 23 के अंत तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने का लक्ष्य

चेन्नई, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। भारत सरकार के स्वामित्व वाली निर्यात ऋण बीमा कंपनी ईसीजीसी लिमिटेड साल 2022-23 के अंत तक शेयर बाजारों में अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। ईसीजीसी वाणिज्यिक और राजनीतिक कारणों से विदेशी खरीदारों द्वारा भुगतान न किए जाने के जोखिम के खिलाफ निर्यातकों को ऋण बीमा सेवाएं प्रदान करके निर्यात को बढ़ावा देता है। यह निर्यातक उधारकर्ताओं को निर्यात ऋण देने में जोखिम के खिलाफ बैंकों को बीमा कवर भी प्रदान करता है। ईसीजीसी के उत्पाद भारत के व्यापारिक निर्यात का लगभग 30 प्रतिशत समर्थन करते हैं। बुधवार को केंद्र सरकार ने पांच साल की अवधि में ईसीजीसी - पूर्व में भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम - में 4,400 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी देते हुए कंपनी को सूचीबद्ध करने के अपने निर्णय की घोषणा की। इसके अनुसार, निवेश वित्तीय वर्ष 2021-2022 से वित्तीय वर्ष 2025-2026 तक किया जाएगा। ईसीजीसी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एम. सेंथिलनाथन ने आईएएनएस को बताया, विनिवेश की घोषणा आश्चर्यजनक नहीं थी। यह लाभ कमाने वाली कंपनियों को सूचीबद्ध करने की सरकार की नीति के अनुरूप है। कंपनी का मौजूदा इक्विटी आधार 3,450 करोड़ रुपये है और सॉल्वेंसी अनुपात 1.5 गुना के निर्धारित स्तर के मुकाबले लगभग 10-11 गुना होगा। सेंथिलनाथन ने कहा कि शेयर का फेस वैल्यू अब 100 रुपये है और इसे विभाजित किया जाना है। कंपनी की कुल संपत्ति 5,600 करोड़ रुपये है। उनके मुताबिक, सरकार और पब्लिक इश्यू की ओर से पूंजी डालने का मकसद कंपनी की अधिकतम देनदारी मौजूदा 1.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2/3 लाख करोड़ रुपये करना है। सेंथिलनाथन ने कहा कि सरकार द्वारा बुधवार को घोषित 4,400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी में से करीब 500 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष और अगले साल के दौरान आएंगे। शेष पूंजी प्रवाह सरकारी निवेश का मिश्रण हो सकता है या शेयरों के सार्वजनिक निर्गम से जुटाया जा सकता है। बुधवार को, सरकार ने कहा कि पूंजी निवेश और नियोजित इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) ईसीजीसी की क्षमता को 88,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाएगी और पांच साल की अवधि में 5.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निर्यात को बढ़ावा देगी। ईसीजीसी ने इस साल 1,200 करोड़ रुपये की प्रीमियम आय का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष में कारोबार के बारे में पूछे जाने पर सेंथिलनाथन ने कहा कि पहले वित्त वर्ष के दौरान इसमें कुछ कमी आई है, जिसका मुख्य कारण बैंकों से कारोबार में कमी है। दूसरी ओर, निर्यातकों के कारोबार में 30 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, जिस पर कंपनी ध्यान केंद्रित कर रही है। --आईएएनएस आरएचए/आरजेएस

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