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एमएसएमई के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 67 पर पहुंचा, सेवा क्षेत्र कर रहा और समस्याओं का सामना

नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)। समग्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (एमएसएमई ईओडीबी) 100 में से 64 अंक पर पहुंच गया है, जिसमें से विनिर्माण क्षेत्र एमएसएमई के लिए ईओडीबी सेवा क्षेत्र की तुलना में अधिक आगे बढ़ रहा है। मंगलवार को जारी एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के रिसर्च ब्यूरो ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के सहयोग से भारत में एमएसएमई के लिए व्यवसाय करने में आसानी : फैक्ट्री स्तर पर ईओडीबी सुधारों को आगे बढ़ाना विषय पर अध्ययन किया। रिपोर्ट केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जारी किया। यह अध्ययन ईओडीबी के 25 मानकों पर एक संरचित प्रश्नावली के माध्यम से विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों से एमएसएमई के अखिल भारतीय स्तरीकृत नमूना सर्वेक्षण पर आधारित है। सर्वेक्षण 2021 की अवधि के लिए आयोजित किया गया था और 5,254 एमएसएमई की प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है, सर्वेक्षण के नतीजों से पता चला है कि कुल एमएसएमई ईओडीबी 64 है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र एमएसएमई के लिए ईओडीबी 67 और सेवा क्षेत्र एमएसएमई के लिए ईओडीबी 61 है। एमएसएमई के व्यवसाय करने में आसानी के लिए पांच शीर्ष स्कोरिंग मापदंडों में डिजिटलीकरण को अपनाना, व्यावसायिक प्रक्रियाओं और अनुपालन के बारे में जानकारी की उपलब्धता, व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रक्रियाएं और प्रक्रियाएं, पर्याप्त बिजली आपूर्ति उपलब्धता और कर पंजीकरण की प्रक्रिया और कर अनुपालन शामिल हैं। दूसरी ओर, सबसे कम स्कोरिंग मानदंड विपणन के लिए सरकारी समर्थन, ऋण प्राप्त करने में लगने वाले समय में कमी और व्यवसाय करने की समग्र लागत में कमी थे। रिपोर्ट में कहा गया है, विनिर्माण क्षेत्र के एमएसएमई के व्यवसाय करने में आसानी के लिए पांच शीर्ष स्कोरिंग मापदंडों में डिजिटलीकरण को अपनाना, व्यावसायिक प्रक्रियाओं और अनुपालन पर जानकारी की उपलब्धता, पर्याप्त बिजली आपूर्ति उपलब्धता, कर पंजीकरण की प्रक्रिया और कर अनुपालन और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता (इंटरनेट, दूरसंचार और अन्य उपयोगिता) शामिल हैं। --आईएएनएस एसजीके

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