नई दिल्ली, रफ्तार। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत केंद्र सरकार देशभर में एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा। भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा। दरअसल, घर की छत पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जाते हैं। इन पैनलों में सोलर की प्लेट लगी रहती है। यह ऐसी तकनीक है, जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा सोखकर बिजली पैदा करती है। पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स लगे होते हैं, जो सौर ऊर्जा को बिजली में तब्दील करते हैं। यह बिजली वहीं काम करती है, जो पावर ग्रिड से आई बिजली करती है। बता दें आप घर की छत पर 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगते हैं तो रोजाना 25 यूनिट बिजली पैदा होगी। महीने के 750 यूनिट बिजली की कीमत मौजूदा रेट से 5250 रुपए होती है। इस तरह 5 किलोवाट का एक सोलर पैनल साल में 63 हजार की कमाई कर सकता है।
सोलर पैनल लगाने का खर्च
सोलर पैनल से बिजली प्रोड्यूस करने का खर्च पैनल के मॉड्यूल और इनवर्टर पर निर्भर करता है। 1 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने में 45 से 85 हजार रुपए तक का खर्च आता है। इसके अलावा बैटरी का खर्च होगा। इसी तरह 5 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाने पर 2.25 से 3.25 लाख रुपए तक का खर्च आ सकता है। हालांकि बिजली बिल का खर्च देखें तो 5-6 साल बाद आपका बिल जीरो हो जाएगा, क्योंकि 5-6 साल में पूरी लागत निकल जाएगी।
सोलर पैनल सिस्टम से फायदे
इस सिस्टम के जरिए घर में ही बिजली पैदा की जा सकती है। पावर ग्रिड से मिलने वाली बिजली की तुलना में यह सस्ती-सुविधाजनक है। सोलर पैनल के लिए अलग से जगह की नहीं चाहिए, उसे छत पर टांग सकते हैं। सोलर पैनल के लिए सरकार सब्सिडी देती है। सोलर पैनल की लाइफ 25 साल होती है। इसकी मरम्मत या मेंटेनेंस की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे समय-समय पर साफ करना होता है, जिससे सूर्य की रोशनी पैनल पर ठीक से पड़े। इस सिस्टम में कोई प्रदूषण नहीं होता, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है, पर्यावरण संरक्षण होता है।
40% सब्सिडी दे रही सरकार
केंद्र सरकार सोलर एनर्जी से जुड़ी एक योजना नेशनल रूफटॉप स्कीम चला रही है। योजना के तहत आप अपनी छत पर सोलर पैनल लगाते हैं तो 3 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाने पर सरकार द्वारा 40% सब्सिडी दी जाती है। 10 किलोवाट लगाते हैं तो 20% सब्सिडी मिलेगी।
देश में हो रहा 10407 मेगावाट बिजली का उत्पादन
रूफटॉप सोलर योजना फेज-2 के तहत 30 नवंबर 2023 तक भारत में रूफटॉप सोलर से 2651 मेगावाट क्षमता स्थापित की जा चुकी है। सेंट्रल रीन्यूवेबल एनर्जी मिनिस्टर आरके सिंह ने बताया था कि रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के दोनों फेज से 10407 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
31 मार्च 2026 तक सब्सिडी
रूफटॉप योजना के सेकेंड फेज को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा है। इसके तहत सामान्य श्रेणियों के राज्यों के लिए 3 किलोवाट क्षमता के पैनल को प्रति किलोवाट 14588 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। सेकेंड फेज कार्यक्रम के पूरा करने पर 11814 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) 6600 करोड़ और वितरण कंपनियों को 4985 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन शामिल है।
रूफटॉप सोलर में सबसे आगे गुजरात
रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के सेकेंड फेज में रूफटॉप सोलर लगाने में गुजरात सबसे आगे है। प्रदेश में 1956 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू है। कुल स्टोरेज कैपेसिटी 3174 मेगावाट हो गई है। दूसरे नंबर पर केरल है। वहां 211 मेगावाट बिजली प्रोड्यूस हो रही है। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 117 मेगावाट बिजली रूफटॉप से मिलनी शुरू हो गई है।
कैसे करें अप्लाई?
सोलर पैनल लगाने के लिए आप https://solarrooftop.gov.in/ पर जाएं। फिर अप्लाई पर क्लिक करें। नया पेज खुलेगा, उसमें सारी डिटेल्स डाल दें। एप के जरिए भी अप्लाई कर सकते हैं। उसके लिए सबसे पहले संदेश एप डाउनलोड कर अपना मोबाइल नंबर, राज्य, ईमेल आईडी, बिजली बिल की जानकारी आदि दर्ज कर खुद को रजिस्टर करें। इसके बाद उपभोक्ता नंबर और प्लेटफार्म नंबर से लॉगिन करें और आवेदन भर दें। अप्रूवल आते ही आप किसी भी सेलर से सोलर प्लेट लगवा सकते हैं।
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