डिजिटल पेमेंट, जिसे सरकार बैन कर सकती है।
डिजिटल पेमेंट, जिसे सरकार बैन कर सकती है। रफ्तार।

Digital Loan होगा बैन! जानें केंद्र सरकार का क्या है Plan?

Digital Loan Ban: ऑनलाइन लोन देने वाले अवैध प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप के डिजिटल लोन पर बैन लगाने को केंद्र सरकार कानून लाने पर विचार कर रही।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। ऑनलाइन लोन देने वाले अवैध प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप के डिजिटल लोन पर बैन लगाने को केंद्र सरकार कानून लाने पर विचार कर रही। दो अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार का लक्ष्य उनकी रक्षा करना है, जो इनसे पैसा उधार लेते हैं। एक तो उन्हें बेहद ऊंची ब्याज दरों का सामना करना पड़ता है, वहीं लोन न चुकाने की सूरत में उनसे बुरा बर्ताव होता है। इससे कुछ कर्जदार आत्महत्या कर चुके हैं। दरअसल, अनियमित संस्थाएं लोगों को आसानी से लोन दे देती हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इन्होंने ऐसे गलत लोन रिकवरी सिस्टम अपनाए, जिस कारण कुछ आत्महत्याएं हुई हैं।

बिना किसी जांच के काम कर रहे एप

सरकार पहले भी कई अनअथॉराइज्ड एप बैन कर चुकी है। अब यह RBI को थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडरों को रेगुलेट करने की मंजूरी दे सकती है। RBI ने कई मौकों पर डिजिटल लोन प्रोवाइजरों से सतर्क रहने की अपील की है। दोनों अधिकारियों ने बताया कि अनियमित लोन देने वाले एप खासकर विदेशों में होस्ट किए गए एप बिना किसी जांच के काम कर रहे हैं। ऐसे में RBI ने अपने कंट्रोल में कर्जदाताओं के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार किया है।

लंबे समय से आगाह कर रहा आरबीआई

RBI स्पेशल नियमों के साथ कंट्रोल में लोन देने वाली संस्थाओं को रेगुलेट करता है। उदाहरण के लिए, ऐसे लोन सीधे कर्जधारक के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं। थर्ड पार्टी के लोन सर्विस प्रोवाइडरों (LPS) को सर्विस चार्ज रेगुलेटेड संस्थाओं द्वारा पेमेंट किया जाता है, न लैंडर देते हैं, लेकिन अनियमित डिजिटल लोन देने वाले एप के लिए ऐसे मानदंडों की कमी से ग्राहकों को परेशानी होती है।

सीमलेस डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

आरबीआई (RBI) के नियम कॉमर्शियल बैंकों, प्राइमरी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों, स्टेट को-ऑपरेटिव बैंकों, डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी), होम फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) और आउटसोर्स किए गए लोन ऑपरेशन्स पर लागू होते हैं। इन रेगुलेटेड संस्थाओं के माध्यम से किसी फिनटेक फर्म को डिजिटल लोन मिलना रिमोट और ऑटोमैटिक प्रोसेस है। यह बड़े पैमाने पर ग्राहक बनाने, क्रेडिट वैल्यूएशन, लोन अप्रूवल, डिस्ट्रीब्यूशन, लोन रिकवरी और संबंधित कस्टमर सर्विसेज के लिए सीमलेस डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है।

अनसिक्योर्ड लोन का आंकड़ा बढ़ा

अनसिक्योर्ड लैंडर्स के अंधाधुंध लोन देने से चिंतित आरबीआई ने एनबीएफसी और क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां के लिए पर्सनल लोन देने के मानदंडों को सख्त किया। यह कदम 6 अक्टूबर को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उठाया है। आरबीआई ने कुछ दिन पहले पर्सनल लोन के कुछ सेगमेंट में हाई ग्रोथ के आंकड़ों को पहचान लिया था। इसके बाद आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी को इंटरनल मॉनिटरिंग सिस्टम तंत्र को मजबूत करने की सलाह भी दी थी।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

रफ़्तार के WhatsApp Channel को सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें Raftaar WhatsApp

Telegram Channel को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें Raftaar Telegram

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in