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कोविड के मामलों में वृद्धि, लॉकडाउन से ग्रामीण खपत में कमी

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी और लॉकडाउन की वजह से वित्त वर्ष 2021 में ग्रामीण खपत में कमी आई है। गोदरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक बलराम सिंह यादव ने कहा कृषि-वस्तु की कीमतों में वृद्धि जल्द ही ठीक होने की उम्मीद है, क्योंकि कीमतें इस स्तर पर टिकाऊ नहीं हैं (15-20 प्रतिशत गिरावट की उम्मीद की जा सकती है)। बायो-डीजल सेगमेंट से मांग बढ़ने से अनाज की कीमतों में तेजी रहने की उम्मीद है। यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सीओवीआईडी मामलों की संख्या में वृद्धि और परिणामस्वरूप लॉकडाउन के कारण, वित्त वर्ष 2021 में ग्रामीण खपत धीमी हो गई। केंद्र सरकार ने ग्रामीण मांग को पुनर्जीवित करने के लिए विभिन्न पहल शुरू की हैं, जैसे कि सभी उर्वरकों (अर्थात यूरिया, डीएपी, और पीएंडके) को सब्सिडी देना। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 9.5 करोड़ किसानों को 190 अरब रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 4.5 करोड़ किसानों को धन मिल चुका है। उन्होंने कहा कि खपत में गिरावट अस्थायी रहने की उम्मीद है और मांग में उम्मीद से ज्यादा तेजी से उछाल आने की उम्मीद है। भारत के घरेलू क्षेत्र में बंपर रबी सीजन देखा गया, जिससे वित्त वर्ष 22 में मजबूत विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ। वर्ष के लिए खाद्यान्न उत्पादन 30.7 करोड़ टन के उपर रहने की उम्मीद है। कोरोमंडल इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक समीर गोयल के हवाले से कहा गया है कि अप्रैल तक खाद्य मूल्य सूचकांक में लगातार 11वें महीने वृद्धि दर्ज की गई और मई 2014 के बाद से यह उच्चतम स्तर पर था। विश्व बैंक के अनुसार, अप्रैल में कीमतों में मक्के के लिए सालाना आधार पर 83 प्रतिशत, सोयाबीन के लिए 64 प्रतिशत, पाम तेल के लिए 76 प्रतिशत सालाना, चीनी के लिए 58 प्रतिशत और कपास के लिए सालाना आधार पर 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई। --आईएएनएस आरजेएस

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