शेयर बाजार पर कोरोना इफेक्ट, 3000 अंक तक गिर सकता है सेंसेक्स
नई दिल्ली, 22 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना के कारण एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट आने की आशंका बन गई है। माना जा रहा है कि अगर कोरोना पर जल्द काबू नहीं पाया जा सका और ये इसी रफ्तार से लोगों को संक्रमित करता रहा तो आने वाले दिनों में शेयर बाजार में मौजूदा स्तर की तुलना में करीब 3 हजार अंक तक की गिरावट आ सकती है। दरअसल, भारत में जिस तरह से कोरोना के संक्रमण ने दूसरे चरण में रिकॉर्ड रफ्तार पकड़ी है और इसका संक्रमण ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है, उससे इस बात की आशंका जताई जाने लगी है कि कोरोना का दूसरा चरण पहले चरण की तुलना में ज्यादा घातक होगा। इस अनुमान के आधार पर ये भी कहा जाने लगा है कि कोरोना का दूसरा चरण भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक बार फिर उसी तरह कहर बनकर टूटेगा, जैसे पिछले साल टूटा था। जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांकों में जबरदस्त गिरावट आ सकती है। भारतीय शेयर बाजार फिलहाल 15 फरवरी के अपने ऑल टाइम हाई लेवल 52516 अंक से करीब 4500 अंक नीचे गिरकर कारोबार कर रहा है। आज ही सेंसेक्स दिन भर के कारोबार के बाद 48080.67 के स्तर पर बंद हुआ। जानकारों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण की रफ्तार जिस तरह तेजी से बढ़ी है, उससे आने वाले दिनों में मई के अंत से जून के पहले पखवाड़े तक देश में रोजाना कोरोना के चार से पांच लाख तक मामले आ सकते हैं। माना जा रहा है कि जून की शुरुआत में कोरोना का संक्रमण अपने चरम पर होगा। अभी इस जानलेवा बीमारी के संक्रमण के कारण रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या तीन लाख को पार कर चुकी है। वही इसके कारण होने वाले मौत की संख्या भी 2000 के आंकड़े को पार कर चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि कोरोना के कारण जून के महीने में रोजाना मौत की संख्या साढ़े तीन हजार को भी पार कर सकती है। कोरोना के इस भयावह प्रकोप को देखते हुए देश के हर हिस्से में अलग अलग स्वरूप में पाबंदियों को लागू किया जाने लगा है। माना जा रहा है कि हालात पर अगर तत्काल काबू नहीं हुआ तो देश में एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन भी करना पड़ सकता है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो इसका देश की आर्थिक गतिविधियों, खासकर बाजार पर काफी प्रतिकूल असर होगा। देश का शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रहेगा। कोरोना के कारण बने अनिश्चितता के माहौल की वजह से विदेशी निवेशक भी भारतीय शेयर बाजार से तेजी से अपने रुपये की निकासी कर रहे हैं। विदेशी निवेशकों का ये रुख भी शेयर बाजार पर दबाव जैसे हालात बना सकता है। चिंता की एक बात ये भी है कि प्रमुख रेटिंग एजेंसियों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण भारत के विकास दर अनुमानों को भी संशोधित कर पहले की तुलना में कम कर दिया है। विकास दर में कमी भी अर्थव्यवस्था में गिरावट की ही सूचक है। ऐसा होने पर भारतीय शेयर बाजार में भी भगदड़ मच सकती है। हालांकि जानकार का ये भी कहना है कि शेयर बाजार में अभी के स्तर से अधिकतम 3000 अंकों तक की गिरावट की आशंका है। इसलिए छोटे निवेशकों को या कम अवधि के लिए निवेश करने वाले लोगों को फिलहाल शेयर बाजार से दूरी बना कर रखना चाहिए। अगर आने वाले दिनों में यानी मई के अंत से लेकर जून की शुरुआत तक शेयर बाजार में दो से तीन हजार अंकों तक की गिरावट आती है, तो उसके बाद छोटे निवेशक शेयर बाजार के क्वालिटी शेयरों में लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/योगिता