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चीन के बिजली उत्पादकों ने पाकिस्तान में 1980 मेगावाट उत्पादन क्षमता को किया बंद

इस्लामाबाद, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान की नई सरकार ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) प्राधिकरण को खत्म करने का फैसला किया है। यह फैसला इस खुलासे के बीच सामने आया है कि चीन के बिजली उत्पादकों ने अपने 300 अरब रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं होने के कारण 1,980 मेगावाट उत्पादन क्षमता बंद कर दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने संबंधित अधिकारियों को अथॉरिटी खत्म करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इकबाल ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से पुष्टि करते हुए कहा, हम सीपीईसी प्राधिकरण को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मंजूरी के लिए एक संक्षिप्त विवरण पेश करेंगे। मंत्री ने कहा, यह संसाधनों की भारी बर्बादी के साथ एक निर्थक संगठन है, जिसने सीपीईसी के त्वरित कार्यान्वयन को विफल कर दिया है। सीपीईसी प्राधिकरण को बंद करने का निर्णय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की पुरानी नीति के अनुरूप है, जो कभी भी समानांतर व्यवस्था स्थापित करने के पक्ष में नहीं रही है। यहां तक कि पीटीआई सरकार को प्राधिकरण स्थापित करने में दो साल लग गए थे, लेकिन यह काफी हद तक निष्क्रिय रहा है, क्योंकि पिछली राजनीतिक व्यवस्था एक और नौकरशाही संरचना के पक्ष में नहीं थी। पिछली पीटीआई सरकार ने मई 2021 में अनिच्छा से सीपीईसी प्राधिकरण अधिनियम बनाया था, लेकिन पूर्व अध्यक्ष असीम सलीम बाजवा के इस्तीफा देने के बाद इसने कभी भी अध्यक्ष का पद नहीं भरा। योजना मंत्री इकबाल ने बुधवार को सीपीईसी मामलों की स्थिति पर अपनी सरकार की पहली ब्रीफिंग ली और वही अधिकारी जो पहले सीपीईसी की प्रगति का बचाव करते थे, उन्होंने नई सरकार के प्रतिनिधियों को बताया कि जमीन पर चीजें कैसे खराब हैं। बैठक के दौरान यह पता चला कि सीपीईसी बिजली परियोजनाओं की स्थापित क्षमता का 37 प्रतिशत से अधिक (1,980 मेगावाट), चीनी निवेशकों को बकाया भुगतान न करने के कारण ठप पड़ा हुआ है। बैठक में बताया गया कि 10 चीनी आईपीपी की कुल प्राप्य या प्राप्त होने वाली राशि बढ़कर 300 अरब रुपये हो गई है, जिसमें से बकाया राशि 270 अरब रुपये है। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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