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कैट ने एफडीआई नीति पर पीयूष गोयल से नया प्रेस नोट जारी करने की मांग की

नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल से एफडीआई पर नया प्रेस नोट जारी करने की मांग की है। कैट ने पीयूष गोयल को पत्र भेजकर व्यापारियों के कारोबार को एफडीआई नीति, 2018 के प्रेस नोट नंबर 2 की जगह एक नया प्रेस नोट जारी करने का आग्रह किया है। कैट ने ये मांग ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन एवं फ्लिपकार्ट से व्यापारियों को बचाने के लिए किया है। कैट ने सोमवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट केंद्र सरकार की चेतावनी के बावजूद नियम एवं नीति का लागतगार उल्लंघन कर रहे हैं। कारोबारी संगठन ने कहा कि हमारे एतराज के बाद करीब दो साल से एक नया प्रेस नोट लाने की कवायद चल रही है। लेकिन, इतना वक्त बीत जाने के बाद भी नया प्रेस नोट का अभी तक जारी न होना अचंभित करता है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देशभर के व्यापारी यह समझ नहीं पा रहे कि गोयल ने कई सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर नीति और कानून के उल्लंघन करने की किसी को नहीं दी जाएगी। ये कंपनियां पिछले 3 साल से एफडीआई नीति और कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं। इसके बावजूद किसी भी सरकारी विभाग ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई ही नहीं की है। खंडेलवाल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नए प्रेस नोट जारी करने की मंशा और ई-कॉमर्स नीति को लागू किया जाने की सोच को सरकारी प्रशासन प्रेस नोट न लाकर दबाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि खुदरा व्यापार को विनियमित और उस पर निगरानी के लिए एक ई-कॉमर्स नीति तैयार करने तथा एक रेग्युलटरी अथॉरिटी के गठन की मांग को 2019 से नजर अंदाज़ किया जा रहा है। कैट महामंत्री ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए व्यापारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ई-कॉमर्स जो भविष्य में व्यापार का तरीका है उसकी भारत में कभी भी नीति नहीं होगी। क्योंकि देश का खुदरा कारोबार जो 115 लाख करोड़ रुपये का सालाना रहा है, उसके लिए आज तक कोई नीति नहीं बनी है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने इन संस्थाओं के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए दृढ़ हैं, क्योंकि वे अमेजन और फ्लिपकार्ट को ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण नहीं बनने देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर

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