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वेव ग्रुप के खरीददार सीएम योगी से मुलाकात करने पर करेंगे विचार, बोर्ड मीटिंग के बाद होगा तय

नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। वेव समूह के निवेशकों को करीब 11 साल बाद भी घर नहीं मिल सका है, जिसको लेकर वह लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सभी लोग वेब ग्रुप के आमोर प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं और अब सभी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर मदद मांगने पर विचार भी कर रहे हैं। इससे पहले सभी निवेशकों ने शनिवार को सेक्टर 32ए स्थित वेव सिटी के बाहर प्रदर्शन किया, साथ ही नोएडा अथॉरिटी और विधायक पंकज सिंह से मुलाकात कर मदद भी मांगी। हालंकि सोमवार को एक बोर्ड मीटिंग होनी है जिसके बाद यह तय किया जाएगा कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करनी चाहिए या नहीं? वेव अमोर परियोजना के होम बायर्स प्रमोद वर्मा ने आईएएनएस को बताया , हमारी पहली मांग है कि हमारा घर हमको दिया जाए, जिनका घर तैयार नहीं उन्हें घर तैयार करके दिया जाए। यदि ऐसा नहीं हो सकेगा तो हमारा कोर्ट में केस चल रहा है और हम अपनी ओर से राजनीतिक दबाब बनाने का भी प्रयास करेंगे। आज हमारी इस पूरे मसले को लेकर एक बोर्ड मीटिंग भी होनी है, उसके बाद कुछ तय किया जा सकेगा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की जरूरत पड़ी तो उनसे भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि, 2012 में हमने इसकी बुकिंग की। उस दौरान पौंटी चड्ढा के इस प्रोजेक्ट के तहत हमसे कहा गया कि आपको कहीं किसी चीज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। आपको हर सुविधा एक ही जगह दी जाएगी। लेकिन पौंटी चड्ढा की मृत्यु के बाद प्रोजेक्ट ने धीमी गति पकड़ ली। दो मार्च 2021 को बायर्स से सौ प्रतिशत पैसा ले लिया गया, वहीं कुछ लोगों से इन्होंने दो-दो वर्ष का मेंटेनेंस का पैसा भी एडवांस में जमा करा लिया है। लेकिन 15 मार्च को वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में दी है और कह दिया कि हम प्रोजेक्ट नहीं कर पाएंगे। जानकारी के अनुसार, प्रोजेक्ट में 780 फ्लैट में से 480 खरीददारों का जीवन भर का पैसा फंसा हुआ है। वहीं नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-32 स्थित सिटी सेंटर परियोजना पर बकाया होने के कारण एक लाख वर्गमीटर जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया था। प्राधिकरण का बिल्डर पर करीब 2500 करोड़ रुपये बकाया है। --आईएएनएस एमएसके /एसकेपी

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