
नई दिल्ली, 22 अगस्त , रफ़्तार डेस्क। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने सोमवार को घोषणा की कि अभिनेता सनी देओल ने मुंबई के अपने बंगले 'सनी विला' से जुड़े बकाया राशि का चुकाने का प्रस्ताव दिया है। बैंक ने 56 करोड़ रुपये की वसूली के लिए अभिनेता और भाजपा सांसद सनी देओल की संपत्ति की नीलामी के लिए जारी नोटिस को वापस लिया है।
बैंक ने जारी किए गए बयान में बताया कि सनी देओल के मुंबई के जुहू में स्थित बंगले की बिक्री के लिए नोटिस को वापस लेने के पीछे कई तकनीकी कारण हैं। उन्होंने बताया कि सनी देओल ने 20 अगस्त को जारी नीलामी नोटिस के तहत बकाया राशि का भुगतान करने के लिए बैंक से संपर्क किया। नोटिस के अनुसार, वे उधारकर्ता या गारंटर के रूप में राशि, लागत, शुल्क और व्यय का भुगतान करने के हकदार हैं, जैसा कि नोटिस में मुद्रित है।
पहले बैंक ने जारी किए गए नोटिस में यह दावा किया था कि अभिनेता के पास 2002 के सरफेसी अधिनियम के तहत नीलामी को रोकने का विकल्प है, जो बैंक को बकाया चुकाने का विकल्प प्रदान करता है। अब बैंक ने जारी किए गए सार्वजनिक बयान में बताया कि बैंक ने मुंबई के टोनी जुहू क्षेत्र में स्थित सनी विला की संपत्ति की नीलामी कुर्क की है। बैंक ने इस संदर्भ में सनी विला की मूल्यांकनित मूल्य को 51.43 करोड़ रुपये और योगदानी राशि को 5.14 करोड़ रुपये तय करके ऑनलाइन नीलामी की घोषणा की थी, जिसकी नीलामी 25 अगस्त को होने वाली थी। सनी देओल बैंक से 55.99 करोड़ रुपये के ऋण और ब्याज के साथ जुर्माने का भुगतान कर रहे हैं। यह मामला दिसंबर 2022 से प्रगति कर रहा है। सनी के पिता और अभिनेता धर्मेंद्र उनके व्यक्तिगत गारंटर हैं।
हालाँकि अब इस पर सियासत भी शुरू हो गयी है ! कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने पूछा कि इस 'तकनीकी कारण' का हवाला देने के लिए बैंक को किसने प्रेरित किया? रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'कल दोपहर को देश ने जाना कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने अभिनेता और भाजपा सांसद सनी देओल के जुहू स्थित आवास को ई-नीलामी के लिए रखा है, क्योंकि उन्होंने 56 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। आज सुबह ही, देश ने जाना कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने 'तकनीकी कारणों' के हवाले से ई-नीलामी नोटिस को वापस ले लिया है।'
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