Business News : नहीं चुका पाए बैंक का कर्ज तो अब बैंक नहीं करेगा ज्यादा परेशान ,कम लगेगी पेनल्टी शुल्क

Business News रिजर्व बैंक के नए नियमों के तहत कर्ज भुगतान में चूक के मामले में अब बैंक संबंधित ग्राहक पर सिर्फ ‘उचित’ दंडात्मक शुल्क ही लगा सकेंगे !
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नई दिल्ली ,18 अगस्त , रफ़्तार डेस्क : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 1 जनवरी, 2024 से कर्ज खातों पर दंडात्मक ब्याज लगाने के नियमों में बदलाव किया है. नए नियमों के तहत, बैंक अब कर्ज भुगतान में चूक करने वाले ग्राहकों पर सिर्फ "उचित" दंडात्मक शुल्क ही लगा सकेंगे. दंडात्मक ब्याज का कोई पूंजीकरण नहीं होगा और ऐसे शुल्कों पर अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं की जाएगी.

नए नियमों में शामिल हैं:

  • बैंकों को कर्ज भुगतान में चूक करने वाले ग्राहकों पर सिर्फ "उचित" दंडात्मक शुल्क ही लगाने की अनुमति होगी.

  • दंडात्मक ब्याज का कोई पूंजीकरण नहीं होगा.

  • ऐसे शुल्कों पर अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं की जाएगी.

  • नए नियम सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) पर लागू होंगे. हालांकि, क्रेडिट कार्ड, बाह्य वाणिज्यिक कर्ज, व्यापार क्रेडिट आदि पर नए नियम लागू नहीं होंगे.

RBI ने नए नियमों को ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए लागू किया है. बैंकों द्वारा दंडात्मक ब्याज को एक राजस्व बढ़ाने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति पर RBI ने चिंता जताई है. नए नियम बैंकों को कर्ज भुगतान में चूक करने वाले ग्राहकों को अधिक उचित व्यवहार करने के लिए बाध्य करेंगे. यह ग्राहकों को कर्ज चुकाने में मदद करेगा और उन्हें वित्तीय संकट से बचाएगा.

RBI ने कहा कि वह नए नियमों के प्रभाव की लगातार निगरानी करेगा और जरूरत पड़ने पर उनमें बदलाव करेगा.

RBI के नए नियमों का ग्राहकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. नए नियम बैंकों को कर्ज भुगतान में चूक करने वाले ग्राहकों को अधिक उचित व्यवहार करने के लिए बाध्य करेंगे. यह ग्राहकों को कर्ज चुकाने में मदद करेगा और उन्हें वित्तीय संकट से बचाएगा.

नए नियमों से ग्राहकों को होने वाले लाभों में शामिल हैं:

  • ग्राहकों को कर्ज भुगतान में चूक करने पर कम दंडात्मक शुल्क देना होगा.

  • ग्राहकों को दंडात्मक ब्याज का पूंजीकरण नहीं करना होगा.

  • ग्राहकों को दंडात्मक शुल्क पर अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा.

  • नए नियम सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) पर लागू होंगे, इसलिए ग्राहकों को किसी एक बैंक या NBFC के चक्कर में नहीं पड़ना होगा.

नए नियमों से ग्राहकों को वित्तीय संकट से बचाने में मदद मिलेगी. ग्राहकों को कर्ज भुगतान में चूक करने पर कम दंडात्मक शुल्क देना होगा, जिससे वे अपना कर्ज चुकाने में सक्षम होंगे. नए नियमों से ग्राहकों को दंडात्मक ब्याज का पूंजीकरण नहीं करना होगा और उन्हें दंडात्मक शुल्क पर अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा, जिससे वे अपना कर्ज चुकाने में और अधिक सक्षम होंगे.

नए नियम सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) पर लागू होंगे, इसलिए ग्राहकों को किसी एक बैंक या NBFC के चक्कर में नहीं पड़ना होगा.

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