नई दिल्ली, रफ्तार। अंतरिम बजट को लेकर सभी सेक्टर को उम्मीदें हैं। ऑटोमोबाइल कंपनियों का कहना है कि सरकार को बजट में ग्रीन मोबिलिटी पर फोकस करना चाहिए। सरकार को अनुकूल नीतियां जारी रखनी चाहिए। ग्रीन मोबिलिटी (इलेक्ट्रिक गाड़ियां) से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस करना होगा। इन कंपनियों को उम्मीद है कि सरकार फेम स्कीम को आगे बढ़ाएगी। बता दें केंद्र सरकार द्वारा एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाना है।
जीएसटी का सबसे बड़ा स्लैब 28%
कंपनियों को उम्मीद है कि बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं पर पूंजीगत खर्च जारी रहेगा। ताकि ऑटोमोटिव क्षेत्र को मदद मिलेगी। बता दें लग्जरी गाड़ियों पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगता है, जो सबसे ज्यादा स्लैब कैटेगरी में है। इसमें सेडान कारों पर 20 प्रतिशत और एसयूवी कारों पर 22 प्रतिशत का अतिरिक्त जीएसटी होता है। इससे कुल टैक्स 50 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटे
ऑटोमोबाइल निर्माता को भरोसा है कि सरकार अर्थव्यवस्था और परिवहन क्षेत्र को ऐसे हरित भविष्य में शिफ्ट करने की दिशा में प्रयास जारी रखेगी, जो जीवाश्म ईंधन पर कम निर्भर हो। कंपनियों का कहना है कि नीतिगत स्थिरता, निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने पर निरंतर जोर न केवल वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा, बल्कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की बढ़ोतरी को भी बढ़ावा देगा। लगातार ऑटोमोटिव नीतियां क्षेत्रीय विस्तार को बढ़ावा देंगी।
फेम इंडिया योजना की डेडलाइन
कंपनियों ने बताया कि हम केंद्रीय बजट 2024 में लगातार FAME समर्थन के जरिए इस क्षेत्र को प्राथमिकता देने, सबसे योग्य लोगों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और सबके लिए पर्यावरणीय कल्याण की अपील करते हैं। इस समय फेम इंडिया योजना का फेज- II 1 अप्रैल 2019 से पांच साल के लिए 10 हजार करोड़ के कुल बजटीय समर्थन के साथ लागू किया जा रहा है। यह 31 मार्च 2024 को खत्म होने वाला है।
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