चुनावी चाशनी में डूबा 45 लाख करोड़ रुपये का संतुलित बजट

मोदी सरकार का 11वां और केन्द्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां बजट था। इस बजट पर पूरे देश की नजरें केन्द्रित थी क्योंकि आम आदमी को इस बजट से ढेर सारी उम्मीदें थी।
चुनावी चाशनी में डूबा 45 लाख करोड़ रुपये का संतुलित बजट

नई दिल्ली, एजेंसी। सबसे लंबा बजट भाषण देने, परंंपरा में बदलाव और पेपरलेस बजट जैसे कई रिकॉर्ड कायम करने के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक फरवरी को अपना पांचवां आम बजट पेश किया। यह बजट मोदी सरकार का 11वां और केन्द्र सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां बजट था। इस बजट पर पूरे देश की नजरें केन्द्रित थी क्योंकि आम आदमी को इस बजट से ढेर सारी उम्मीदें थी।

सरकार ने 45 लाख करोड़ रुपये पेश किया

इस वर्ष होने जा रहे कई विधानसभा चुनावों के साथ-साथ अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बजट में आम जनता के लिए राहतों का पिटारा खोला जाएगा और ये उम्मीदें बेकार भी नहीं गई। सरकार ने 45 लाख करोड़ रुपये के खर्च का जो बजट प्रस्तुत किया है, उसमें सरकार की पावतियां केवल 23.3 लाख करोड़ रुपये की ही होंगी।

15 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के बाजार से ऋण लेने पड़ेंगे

इस भारी-भरकम घाटे को पूरा करने के लिए सरकार विनिवेश के जरिये करीब 51 हजार करोड़ रुपये की धनराशि जुटाएगी जबकि उसे 15 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के बाजार से ऋण लेने पड़ेंगे। बाकी की कमी को लघु बचतों के जरिये पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। बजट के प्रावधानों को देखते हुए प्रतीत होता है कि सकल विकास वृद्धि में बढ़ोतरी के लिए करीब 10 लाख करोड़ रुपये की धनराशि पूंजीगत खाते से खर्च करके सरकार देशभर में रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ औद्योगिक उत्पादन को भी बढ़ावा देना चाहती है।

सरकार छोटे और मध्यम उद्योगों को शुल्क ढांचे में रियायतें प्रदान करेगी

छोटे और मध्यम उद्योगों को शुल्क ढ़ांचे में रियायतें प्रदान कर सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि अपने उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ यह क्षेत्र रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती में भी सहभागी बने।

मिशन 2024 मोड में जुटी भाजपा को सीधा फायदा मिलेगा

इस बार के केन्द्रीय बजट में विभिन्न क्षेत्रों को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण आम जनता को आयकर दरों में राहत दिया जाना है। दरअसल बहुत लंबे समय से आयकरों दरों में बदलाव की मांग की जा रही थी। नई कर व्यवस्था में आयकर सीमा में छूट को पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख किए जाने से न केवल छोटे करदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलनी तय है, वहीं इससे मिशन 2024 मोड में जुटी भाजपा को सीधा फायदा मिलेगा।

80सी, पीएफ, आवासीय कर्ज के मूलधन और ब्याज के भुगतान इत्यादि पर छूट

पुरानी कर व्यवस्था भी लागू रहेगी जिसके तहत अभी भी 80सी, पीएफ, आवासीय कर्ज के मूलधन और ब्याज के भुगतान इत्यादि पर छूट हासिल की जा सकती है, जो नई कर व्यवस्था में नहीं मिलेगी लेकिन इस छूट के बगैर भी सात लाख तक की आय का करमुक्त होना करोड़ों करदाताओं को सीधे तौर पर लाभान्वित करेगा।

इस वर्ष से इस नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट व्यवस्था बना दिया गया है। दरअसल करदाताओं को पुरानी कर व्यवस्था से नई कर व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रेरित करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रही क्योंकि तमाम अपीलों के बावजूद अधिकांश लोगों ने इसे नहीं अपनाया था।

वरिष्ठ नागरिकों की बचत सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये होगी

बजट में महिलाओं और बुजुर्गों का भी खास ध्यान रखने का प्रयास किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों की बचत सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने, गैर सरकारी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अवकाश नकदीकरण पर मिलने वाली छूट को 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की घोषणा, महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट की घोषणा इत्यादि सियासी दृष्टिकोण से भाजपा के प्रति सकारात्मक माहौल में वृद्धि करने में सहायक साबित हो सकती हैं।

2024 तक मुफ्त अनाज योजना भाजपा की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है

बजट में कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय हैं, जो स्पष्ट तौर पर इस बार के बजट में भाजपा सरकार की ओर से राजनीतिक संदेश देते प्रतीत होते हैं। देश के 80 करोड़ लोगों को जनवरी 2024 तक मुफ्त अनाज योजना भाजपा की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है, जो 2022 के विधानसभा चुनावों में भी उसके लिए कुछ राज्यों में गेमचेंजर साबित हो चुकी है और विरोधी भी मानते रहे हैं कि भाजपा को इस योजना का बड़ा सियासी लाभ मिलता रहा है।

आदिवासियों के लिए 15 हजार करोड़ की नई योजना

गरीबों के लिए चलाई जा रही इस योजना के अलावा आवास योजना, पेयजल योजना और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना इत्यादि के आवंटन में बड़ी वृद्धि, आदिवासियों के लिए 15 हजार करोड़ की नई योजना, व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नई कर व्यवस्था इत्यादि कई ऐसी घोषणाएं हैं, जो देश के निम्न और मध्यम आय के लोगों को भी आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना में 79500 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा हुई

प्रधानमंत्री आवास योजना तो मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसके लिए 2022-23 के बजट में 48 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया था लेकिन इस बार के बजट में उसे 66 फीसदी बढ़ाकर सरकार ने इस योजना के लिए 79500 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत 2024 तक करीब 2.94 करोड़ गरीब लोगों को घर मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है। वैसे सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2.94 करोड़ में से 2.12 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है और ये घर गरीबों को सौंपे भी जा चुके हैं।

PMPVTG विकास मिशन के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का खाका हुआ पेश

जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने और उनके निवास स्थल को बुनियादी सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए ‘प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह’ (पीएमपीवीटीजी) विकास मिशन की घोषणा करते हुए इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपये का खाका पेश किया गया है। ऐसे में अनुसूचित जातियों-जनजातियों वाले मतदाता क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की झलक बजट में नजर आ रही है।

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को 7200 करोड़ कर दिया गया

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अभी तक देशभर में करीब साढ़े चार करोड़ गरीब लोग मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। इस योजना में आवंटन को पिछले साल के 6457 करोड़ रुपये के बजट से बढ़ाकर 7200 करोड़ कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया

इस वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री किसान सम्मान के लिए 60 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया जा चुका है और पीएम-किसान के तहत 11.4 करोड़ किसानों को अभी तक 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण भी किया जा चुका है। जल जीवन मिशन के लिए बजट को पिछले साल की तुलना में 60 हजार करोड़ से बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपये किया गया है, जिसके तहत 2024 तक देश के सभी 20 करोड़ परिवारों तक पीने का साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

11 करोड़ परिवारों लोगों को पीने का साफ पानी मुहैया कराया गया

सरकार के मुताबिक 2019 तक केवल तीन करोड़ परिवारों को ही पीने का साफ पानी उपलब्ध था लेकिन जल जीवन मिशन के तहत अभी तक करीब 11 करोड़ परिवारों लोगों को पीने का साफ पानी मुहैया कराया जा चुका है।

‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत बजट में डिजिटल प्लेटफार्म

‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत बजट में डिजिटल प्लेटफार्म की घोषणा की गई है। डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये उद्यम और रोजगार की ट्रेनिंग देने, नियोक्ताओं तक युवाओं की सीधी पहुंच बढ़ाने को लेकर इस प्लेटफार्म के जरिये होने वाला कार्य लाखों युवाओं के बीच भाजपा के प्रति समर्थन बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

डिजिटल लाइब्रेरी के विस्तार के लिए तीन गुना बढ़ोतरी की गई

देशभर में इस योजना के विस्तार की घोषणा के मद्देनजर डिजिटल प्लेटफार्म से बड़ी संख्या में युवा लाभान्वित हो सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल लाइब्रेरी के साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग की घोषणा भी सरकार के प्रति युवाओं में सकारात्मक माहौल बनाने में मददगार हो सकती है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के बजट में भी पिछले बजट 5943 करोड़ रुपये की तुलना में करीब तीन गुना बढ़ोतरी की गई है।

प्रदूषण मुक्त ऊर्जा तथा ईंधन के क्षेत्र में 20 लाख करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध का लक्ष्य

आधारभूत ढांचागत क्षेत्र के विकास से लेकर प्रदूषण मुक्त ऊर्जा तथा ईंधन के क्षेत्र को खास वरीयता दी गई है। दरअसल सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर भविष्य की मुश्किलों को आसान करना और भावी पीढ़ी को सुरक्षित ऊर्जा स्रोत उपलब्ध कराना है। किसानों को अधिक धन उपलब्ध कराने के लिए बजट में 20 लाख करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

कृषि क्षेत्र के विकास के लिए 60 हजार करोड़ कर दिया गया

इसके अलावा मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना घोषित करके सरकार ने कृषि क्षेत्र को विविधीकरण के जरिये ज्यादा आय अर्जित करने के लिए उद्यत किया है और किसानों की नई पीढ़ी को कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया है। हालांकि इस बार मनरेगा के बजट में बड़ी कटौती की गई है। मनरेगा के लिए पिछले बजट में 73 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे लेकिन इस साल यह घटाकर 60 हजार करोड़ कर दिया गया है।

चुनावी चाशनी में डूबा संतुलित बजट

मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पूरी तरह से चुनावी चाशनी में डूबा संतुलित बजट है, जिसमें आम आदमी की ज्यादातर जरूरतों का ध्यान रखने का प्रयास किया गया है और कहा जा सकता है कि यह चुनावी ही सही पर आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरता बजट है।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in