amidst-the-sanctions-imposed-on-russia-there-is-a-flurry-of-beginning-of-new-monetary-system-in-the-world
amidst-the-sanctions-imposed-on-russia-there-is-a-flurry-of-beginning-of-new-monetary-system-in-the-world

रूस पर लगाये गये प्रतिबंधों के बीच दुनिया में नयी मौद्रिक व्यवस्था की शुरूआत की सुगबुगाहट

नयी दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार को रूस पर प्रतिबंधों की झड़ी लगाते हुये कहा कि निर्यात पर नियंत्रण और प्रतिबंध रूस की अर्थव्यवस्था को तबाह कर देंगे। बाइडेन ने यह भी दावा किया रूस की मुद्रा रूबल डॉलर की तुलना में काफी कमजोर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताया गया है कि इन दिनों 200 रूबल एक डॉलर के बराबर हो गये हैं। मॉस्को स्टॉक एक्सचेंज को दो सप्ताह के लिये पूरी तरह से बंद कर दिया गया है क्योंकि रूस को यह पता है कि जिस समय बाजार में कारोबार शुरू होगा, वैसे ही उसमें ऐतिहासिक गिरावट आयेगी। रेटिंग एजेंसियों ने रूस की साख को जंक करार दिया है। रूस से अपना कारोबार समेटने वाली कंपनियों की सूची में हर रोज नये नाम जुड़ रहे हैं। यूक्रेन में सेना नहीं भेजने पर बाइडेन ने तर्क देते हुये कहा, हम यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे। नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव तीसरे विश्व युद्ध का न्योता देना है, जिसे रोकने के लिये हमें प्रयास करना चाहिये। उन्होंने कहा, हम व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाना जारी रखेंगे। जी7 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से ऋण लेने की रूस के प्रयासों पर कुठाराघात करेगा। पुतिन एक आक्रमणकारी हैं .. और पुतिन को इसकी कीमत चुकानी होगी। क्रेडिट सुइस के जोल्टन पॉजसर ने एक रिपोर्ट में कहा, हम ब्रेटन वुड्स तृतीय की शुरूआत को देख रहे हैं , जो एक नयी वैश्विक मौद्रिक व्यवस्था शुरू कर रहा है। यह व्यवस्था पूर्व में कमोडिटी आधारित मुद्राओं पर केंद्रित है, जो यूरोडॉलर प्रणाली को कमजोर करेगा और मुद्रास्फीति को भी बढ़ायेगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा, एक संकट आया है। कमोडिटी का संकट। कमोडिटीज की क्षति होनी है, धन की क्षति होनी है और यह संकट अपनी मुद्रा के बजाय बाहरी मुद्रा के प्रति बढ़ते आकर्षण के बारे में है। ब्रेटन वुड्स देश की अपनी मुद्रा पर आधारित था और इसकी नींव एक सप्ताह पहले तब ही दरक गयी थी जब जी7 ने रूस के विदेशी मुद्रा भंडार को जब्त कर लिया था। पॉज्सर ने कहा कि यह एक तूफान है और यह तब आता है जब पश्चिमी देश दुनिया के सबसे बड़े जिंस उत्पादक पर प्रतिबंध लगाते हैं, जो लगभग सब कुछ बेचता है। एजेंसी ने कहा,1973 के ओपेक आपूर्ति संकट के 50 साल पूरे होने पर जो हो रहा है वह काफी हद तक बदतर है। वर्ष 2022 में आया यह आपूर्ति संकट आपूर्तिकर्ता के कारण नहीं बल्कि उपभोक्ता के कारण आया है। एजेंसी ने कहा,भू-राजनीतिक क्षेत्र में आक्रमणकारी को प्रतिबंधों से दंडित किया जा रहा है और इन प्रतिबंधों के कारण कमोडिटी की कीमतों में आयी तेजी से पश्चिमी देशों की वित्तीय स्थिरता को खतरा हो सकता है। कमोडिटी बाजार अब बहुत अधिक व्यापक है, जिसके कारण आपूर्ति संकट भी बहुत बड़ा है। यह भयावह स्थिति है। रूस की ऐसी कई कमोडिटी हैं जिनके दाम लुढ़ रहे हैं और कई ऐसी गैर-रूसी कमोडिटी हैं, जिनके दाम आसमान छू रहे हैं। यह रूस के आपूर्ति झटके के कारण है। रेटिंग एजेंसी ने कहा,यह खरीदारों की हड़ताल है। चीजों को और अधिक बेतुका बनाते हुये यह विक्रेता की हड़ताल नहीं है। आज रूस की कमोडिटी 2008 के सब प्राइम सीडीओ ही तरह है तो गैर-रूसी कमोडिटीज 2008 के अमेरिकी ट्रेजरी सिक्योरिटीज की तरह है। एक की कीमत में गिरावट हो रही है तो दूसरी की कीमत में उछाल। एक उद्योग विशेषज्ञ ने चेतावनी दी कि यूक्रेन पर हमले के जवाब में रूस के प्रौद्योगिकी निर्यात पर प्रतिबंध, कंप्यूटर प्रोसेसर और सेमीकंडक्टर के वैश्विक निमार्ताओं पर उल्टा पड़ सकता है, क्योंकि उनके उत्पादन के लिये कई महत्वपूर्ण घटक विशेष रूप से रूस में ही बनाये जाते हैं। इन प्रतिबंधों के कारण 1917 की बोल्शेविक क्रांति के बाद पहली रूस सॉवरेन बांड को भुनाने में चूकेगा। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एक प्रमुख रेटिंग एजेंसी ने चेतावनी दी है कि रूस जल्द ही अपने ऋणों को चुकाने में चूक सकता है और इसीलिये उसने रूस के बांड को जंक क्षेत्र में डाउनग्रेड कर दिया है। यह यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस की साख पर लगा तगड़ा झटका है। इसी सप्ताह रूस ने कहा कि उसके बांड का भुगतान प्रतिबंधों से प्रभावित हो सकता है। रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि बाजार से रूस के कच्चे तेल को हटाने से ऊर्जा की कीमतें 300 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि रूस अपने निर्यात के लिये पश्चिम पर निर्भर नहीं है और वह कच्चे तेल की आपूर्ति कहीं और कर सकता है। आरटी की रिपोर्ट के अनुसार ,उन्होंने कहा कि यूरोपीय अधिकारी एक बार फिर अपनी ऊर्जा नीति की कमी का सारा दोष रूस पर मढ़ने के लिये तैयार हैं। विदेशी बाजारों में मूल्य वृद्धि से रूस का कोई लेना-देना नहीं है। इधर आईएमएफ ने कहा है कि ऊर्जा और गेहूं और अन्य अनाज सहित कमोडिटी की कीमतें यूक्रेन में युद्ध के कारण बढ़ी हैं। आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और कोविड -19 महामारी से मुद्रास्फीति दबाव बढ़ा है। बढ़ी हुई कीमतों का झटका पूरी दुनिया को लगेगा, खासकर गरीब परिवारों पर, जिनके खर्च का अधिकतम हिस्सा भोजन और ईंधन के मद में होता है। यदि यह तनाव बढ़ता है तो आर्थिक क्षति और अधिक विनाशकारी होगी। आईएमएफ ने कहा कि रूस पर प्रतिबंधों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। कई देशों में पहले से ही बढ़े हुये मूल्य के बीच मुद्रास्फीति और गतिविधि दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा परमाणु संयंत्रों को लेकर भी तनाव चरम पर है। यूक्रेन के खुफिया सूत्रों के मुताबिक चेर्नोबिल के एक हिस्से पर रूस आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहा है और वह इसका दोष यूक्रेन पर मढ़ने की योजना बना रहा है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, उपलब्ध जानकारी के अनुसार, व्लादिमीर पुतिन ने चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर आतंकवादी हमले की तैयारी का आदेश दिया है। मामलों को बदतर बनाने के लिये रूस ने अमेरिका पर यूक्रेन के क्षेत्र में जैव प्रयोगशालाओं का समर्थन करने का आरोप लगाया है। रूस के रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक प्रतिनिधि मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं में चमगादड़ से लिये गये कोरोनावायरस के नमूनों के साथ प्रयोग किये गये। आरटी के मुताबिक उन्होंने कहा,दस्तावेजों से पता चलता है कि यूक्रेन में बनायी गयी इन वित्त पोषित जैव प्रयोगशालाओं में चमगादड़ के प्राप्त कोरोनावायरस के नमूनों के साथ प्रयोग किये गये थे। कोनाशेनकोव ने कहा कि विभाग जल्द ही यूक्रेन के क्षेत्र में अमेरिका की गुप्त सैन्य जैव गतिविधियों पर दस्तावेजों का एक और पैकेज प्रकाशित करेगा और उनके परीक्षणों के परिणाम पेश करेगा। --आईएएनएस एकेएस/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in